सीजेआई सूर्यकांत ने कहा है कि मध्यस्थता कानून के कमजोर होने का नहीं बल्कि इसके बेहद विकासित होने का संकेत है।

सीजेआई शुक्रवार को दक्षिण गोवा के सांकोले गांव में भारतीय अंतरराष्ट्रीय विधि शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सम्मेलन ‘Mediation: How significant in the present-day context’ को संबोधित कर रहे थे।

सीजेआई ने कहा, ‘‘मध्यस्थता कानून के कमजोर होने का नहीं बल्कि इसके बेहद विकासित होने का संकेत है। यह न्यायिक निर्णय की संस्कृति से सहभागिता की संस्कृति की ओर बढ़ने की प्रक्रिया है, जहां हम सद्भाव को बढ़ावा देते हैं।’’

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विवादों को हल करने का केंद्र हो अदालत- सीजेआई

सीजेआई ने कहा कि वह एक ऐसी अदालत की कल्पना करते हैं जहां न्यायालय केवल मुकदमे की सुनवाई की जगह न हो बल्कि विवादों को हल करने का व्यापक केंद्र हो।

इससे पहले सीजेआई ने पणजी में कला अकादमी के पास ‘मध्यस्थता जागरुकता’ के लिए एक प्रतीकात्मक पदयात्रा में भाग लिया। उन्होंने कहा, ‘‘मध्यस्थता को विवादों के निपटारे में एक सफल, किफायती और दोनों पक्षों के लिए लाभकारी उपाय के रूप में तेजी से स्वीकार किया जा रहा है।’’

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