Yuvraj Singh Story: युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट के वो नाम हैं जिन्हें शायद ही कभी भुलाया जा सकता है। टी20 वर्ल्ड कप 2007 और वनडे वर्ल्ड कप 2011 में युवी ने अपने प्रदर्शन के दम पर भारत को चैंपियन बनाया था और भारतीय क्रिकेट फैंस के दिल में हमेशा के लिए एक खास स्थान बनाया था। युवराज सिंह को एक सफल क्रिकेटर बनाने में उनके पिता योगराज सिंह का बड़ा योगदान रहा है, लेकिन योगराज सिंह ने इसके लिए उनके साथ काफी सख्त व्यव्हार किया था।

युवी को पसंद था टेनिस और रोलर स्केटिंग

युवराज सिंह को बचपन में क्रिकेट से लगाव बिल्कुल भी नहीं था और टेनिस व रोलर स्केटिंग उनका पसंदीदा खेल था। युवी इन दोनों खेलों में काफी अच्छे भी थे, लेकिन उनके पिता योगराज सिंह उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहते थे। युवराज सिंह ने नेशनल अंडर-14 रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप भी जीती थी, लेकिन जब वो पदक लेकर घर आए तब उनके पिता योगराज सिंह खुश होने की बजाए इससे नाराज थे। उन्होंने युवराज के द्वारा जीते गए पदक को फेंक दिया और सख्त लहजे में कहा कि स्केटिंग भूल जाओ और क्रिकेट पर ध्यान दो। वह युवराज को हर दिन प्रैक्टिस के लिए लेकर जाते थे और क्रिकेट के गुर सीखाते थे।

13 साल की उम्र में पंजाब के लिए खेला पहला मैच

पिता से क्रिकेट के गुर सीखने के बाद युवराज ने 13 साल और 11 महीने की उम्र में नवंबर 1995 में जम्मू और कश्मीर अंडर-16 टीम के खिलाफ पंजाब अंडर-16 के लिए अपना पहला मैच खेला। युवराज के अच्छे प्रदर्शन की वजह से उन्हें 1996-97 सीजन के लिए पंजाब अंडर-19 टीम में भेज दिया गया। उन्होंने पंजाब अंडर-19 टीम के लिए खेलते हुए हिमाचल प्रदर्शन के खिलाफ नाबाद 137 रन बनाए और सबको काफी प्रभावित किया युवराज ने 1997-98 के रणजी ट्रॉफी के दौरान ओडिशा के खिलाफ उन्होंने डेब्यू किया, लेकिन डक पर आउट हो गए।

अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 में बने थे प्लेयर ऑफ द सीरीज

युवराज सिंह ने 1999 में अंडर-19 कूच विहार ट्रॉफी फाइनल में बिहार के खिलाफ जमशेदपुर में गजब की पारी खेली। इस मैच में बिहार की टीम 357 रन पर ऑलआउट हो गई थी, लेकिन युवराज सिंह ने इससे पहले तीसरे नंबर पर पंजाब के लिए 358 रन की पारी खेली थी। अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर उन्होंने भारत अंडर-19 टीम में जगह बना ली। साल 2000 में युवराज ने अंडर 19 वर्ल्ड कप में भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम का हिस्सा थे और मो. कैफ की कप्तानी में भारत ने ये टाइटल जीता था। युवराज के ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया और फिर उन्हें इसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम में जगह मिली।