आईपीएल के 12वें सीजन के लिए 18 दिंसबर को जयपुर में 70 खिलाड़ियों के भाग्य का फैसला होना था जिसके लिए सभी 8 टीमों ने बोली लगाई लेकिन केवल 60 खिलाड़ियों पर ही दांव खेला गया जिसमें 40 भारतीय और 20 विदेशी खिलाड़ी शामिल थे। इस नीलामी में कई नए खिलाड़ियों पर दांव खेला गया वहीं कई दिग्गज खिलाड़ियों के हांथ निराशा लगी। सभी टीमों को अधिकतम 25 खिलाड़ी अपनी टीम में रखने होते हैं लेकिन इस सबमें केकेआर की टीम ने 21 खिलाड़ियों के साथ ही अपनी बोली समाप्त कर ली और इस लीग में सबसे कम खिलाड़ियों के साथ उतरने वाली टीम बनी है। इन तमाम नामों में जो खिलाड़ी सबसे ज्यादा चर्चा में रहा उसका नाम था युवराज सिंह, जिन्हें दूसरे क्रम की बोली में मुंबई ने उनके बेस प्राइज 1 करोड़ में ही टीम में शामिल किया।
एक समय था जब भारत के स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह इस लीग की शान हुआ करते थे। सभी फ्रेंचाइजी उनको अपनी टीम में जोड़ने के लिए बेकरार रहा करती थीं लेकिन इस बार उनके हाथ निराशा लगते -लगते बची। 2015 की नीलामी पर अगर नजर डालें तो दिल्ली की टीम ने युवराज पर 16 करोड़ रुपये का दांव खेला था। उनकी वैल्यू इस सीजन करीब 94 प्रतिशत तक घट गई है। वहीं पिछले सीजन से तो इस खिलाड़ी को उनके बेस प्राइज में ही टीम के साथ जोड़ा जा रहा है। मुंबई में नीलामी के साथ ही युवराज सिंह ने पार्थिव पटेल की बराबरी कर ली और 6 अलग-अलग टीमों का हिस्सा रहे। युवराज अब सिर्फ सीएसके, केकेआर और राजस्थान को छोड़कर बाकी हर टीम में अपना दम दिखा चुके हैं।

इस नीलामी में विंडीज के खिलाड़ियों पर जमकर दांव लगाया गया और सभी टीमों ने कैरिबियाई खिलाड़ियों को उनके बेस प्राइज से करीब 5 गुना ज्यादा रकम में अपनी टीम में शामिल किया, विंडीज के खिलाड़ियों पर सभी फ्रेंचाइजी ने मिलकर करीब 17 करोड़ रुपये खर्च किए। बता दें कि इस नीलामी में सबसे ज्यादा वैल्यू भारत के जयदेव उनादकट के ऊपर लगी जिनको राजस्थान की टीम ने 8 करोड़ 40 लाख की कीमत में खरीदा वहीं 20 लाख के बेस प्राइज वाले वरुण चक्रवर्ती ने धूम मचाते हुए 42 गुना उछाल मारी और 8 करोड़ 40 लाख के साथ पंजाब की टीम में जुड़े।