टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करने के मामले में अपनी सफाई दी है। युवराज ने मामले पर खेद जताया है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान युवराज सिंह ने कई खिलाड़ियों के साथ इंस्टाग्राम लाइव पर चैट की। इसी क्रम में रोहित शर्मा के साथ भी बात की। बातचीत के दौरान दोनों ने युजवेंद्र चहल को लेकर भी बात की। तभी युवराज ने कथित दौर पर जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया। उनकी बातचीत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब कुछ दिन पहले टि्वटर पर दो दिनों तक #युवराज_सिंह_माफी_मांगो ट्रेंड करता रहा। इसके बाद हिसार के हांसी में दलित अधिकार कार्यकर्ता और एडवोकेट रजत कलसन ने युवराज के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने रोहित शर्मा को भी आरोपी बनाया है। कलसन की दलील है कि जब युवराज ने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया तो उस दौरान रोहित शर्मा भी हंस रहे थे। पुलिस ने मामले में जांच भी शुरू कर दी है। हालांकि, अभी युवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
अब युवराज सिंह ने शुक्रुवार यानी 5 जून 2020 को सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर खेद जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी जाति, रंग, धर्म और लिंग को लेकर किसी भी प्रकार की असमानता में भरोसा नहीं किया है। मैंने अपना जीवन लोगों की भलाई में दिया है। यह आज भी जारी है। मैं बिना किसी अपवाद के हर किसी की जिंदगी के गौरव और सम्मान में विश्वास करता हूं।
उन्होंने लिखा, ‘मैं समझता हूं जब मैं अपने दोस्त से बात कर रहा था, मेरी बात को गलत अर्थ में समझा गया, जो निराधार है। हालांकि, एक जिम्मेदार भारतीय होने के नाते मैं यह कहना चाहता हूं कि अगर मैंने किसी को गैर-इरादतन किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, तो मैं इस पर खेद व्यक्त करता हूं। भारत और इसके लोगों के लिए मेरा प्यार हमेशा रहेगा।
— yuvraj singh (@YUVSTRONG12) June 5, 2020
युवराज के ताजा ट्वीट पर भी काफी लोग कमेंट कर रहे हैं। लोगों की दलील है कि अगर कोई आपके मां-बाप को गाली दे तो कैसे लगेगा। कुछ लोग युवराज सिंह की तारीफ भी कर रहे हैं।
