कटक वनडे में इंग्लैंड के खिलाफ अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाने वाले धाकड़ बल्लेबाज युवराज सिंह ने एक अहम खुलासा किया है। युवराज सिंह ने माना कि कैंसर से जूझने के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में सोचा था। 3 साल तक टीम इंडिया से बाहर रहने वाले युवराज ने कटक वनडे में 127 गेंदों में 150 रनों की शानदार पारी खेली थी। इससे पहले उनका सर्वाधिक वनडे स्कोर 139 रन था, जो उन्होंने अॉस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में युवराज ने कहा, मैंने कैंसर से जूझने के बाद वापसी की। पहले 2-3 साल बहुत मुश्किल थे। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी फिटनेस पर बहुत मेहनत की और मैं टीम से बाहर था। उन्होंने कहा, मुझे टीम में स्थायी जगह नहीं मिल पा रही थी। यही वह समय था जब मैं सोच रहा था कि क्या मुझे आगे खेलना चाहिए या नहीं। लेकिन कभी हार न मानने वाली मेरी थ्योरी है। मैं जानता था कि समय बदलेगा। विराट ने मुझ पर भरोसा रखा। युवराज ने कहा, मैं नहीं सोचता कि कोई और क्या कहेगा, मैं अखबार भी नहीं पढ़ता। मैं टीवी भी नहीं देखता। मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देता हूं, यह साबित करने के लिए कि मैं अब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए अच्छा हूं।
बता दें कि पिछले 3 वर्षों से युवराज सिंह ने कोई वनडे मैच नहीं खेला है। विराट कोहली को कप्तानी मिलने और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद युवराज को इंग्लैंड के खिलाफ टीम में शामिल किया गया था।
युवराज ने अपनी सेंचुरी को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भी तारीफ की, जिनके साथ उन्होंने चौथे विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी की। युवराज ने माना धोनी अब ज्यादा स्वतंत्र हैं और कप्तानी छोड़ने के बाद उनका बल्लेबाज के तौर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाई देगा।
गुरुवार को भारत और इंग्लैंड के बीच हुए मैच में भारत के 25 रनों की तीन विकेट गिर गए थे, जिसके बाद युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी ने शानदार शतकीय पारियां खेलीं थीं। महेंद्र सिंह धोनी ने इस मैच 134 रनों की पारी खेली थी।
