दुनिया के सबसे युवा चेस चैंपियन गुकेश डोमराजू बुधवार (12 मार्च) क तिरुपति मंदिर पहुंचे। उन्होंने अपने बाल मुंडवाए और भगवान बालाजी को भेंट कर दिया। गुकेश 2025 में टाटा स्टील चैंपियन और फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंडस्लैम 2025 में हिस्सा ले चुके हैं। वह नॉर्वे चेस 2025 इवेंट में भी दिख सकते हैं, जो कि स्टैन्गर में होगा। वेई यी के साथ गुकेश का सामना मैग्नस कार्लसेन और अर्जुन से होगा। गुकेश ने पिछले साल टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया था।

तिरुपति मंदिर में बाल दान करने के बाद 18 वर्षीय गुकेश ने नॉर्वे चेस द्वारा शेयर किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मुझे कड़ी मेहनत करते रहना है। 2025 में बहुत सारे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट हैं, इसलिए मैं उस पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। मैं सभी प्रारूपों में सुधार करना चाहता हूं और उम्मीद है कि भगवान की कृपा से अच्छी चीजें होंगी।”

लोग तिरुपति में अपना बाल क्यों मुंडवाते हैं?

तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों को अपने बालों का दान करने की एक अनूठी परंपरा है। मान्यता के अनुसार, भगवान वेंकटेश्वर ने भगवान कुबेर से ऋण लिया था। इस ऋण को चुकाने के लिए भगवान वेंकटेश्वर के भक्तों ने अपने बाल दान किए। माना जाता है कि लोग जितना बाल दान करते हैं उससे ज्यादा उन्हें धन मिलता है।

सभी इच्छाएं पूरी होती हैं

एक और मान्यता है कि चींटी के टीले में भगवान विष्णु को देखकर गाय आई और उसने दूध दिया। गाय के मालिक को जब यह पता चला तो उसने उस पर कुल्हाड़ी चलाई। इससे भगवान बालाजी को चोट लगी और उनके बाल गिर गए। नीला देवी तुरंत बचाव में आईं और अपने बाल दान कर दिएं। इससे भगवान बालाजी प्रसन्न हुए। माना जाता है कि सुंदर दिखने के लिए बाल होना काफी जरूरी होता है, ऐसे में इसे दान करने वालों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।