यो-यो टेस्ट को लेकर पूर्व क्रिकेटर्स की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अनिवार्य किए गए इस टेस्ट पर मोहम्मद अजहरुद्दीन, हरभजन सिंह, आकाश चोपड़ा की राय विरोध में है। पिछले महीने आयरलैंड और इंग्लैंड दौरे के लिए टीम चयन से पहले यो-यो टेस्ट में मोहम्मद शमी और अम्बाति रायडू के बाहर होने के बाद इस टेस्ट पर सवाल उठने शुरू हुए हैं। चोपड़ा ने स्पोर्ट्स तक पर कहा, ”अगर विराट कोहली टेस्ट में फेल हो जाते हैं तो क्या आप उन्हें बाहर कर देंगे? अगर किसी खिलाड़ी को समय नहीं मिलता तो यह अजीब है। कोहली के लिए, आप उसको दो हफ्ते दोगे क्योंकि आप उसे खेलते देखना चाहते हो। तो अगर खिलाड़ी को समय नहीं मिलता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
दिग्गज ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह ने यो-यो टेस्ट को ‘ड्रामा’ करार दिया। उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि यो-यो टेस्ट चयन का पैमाना है और होना भी नहीं चाहिए। आपकी फॉर्म, आपकी स्किल्स सबसे जरूरी चीजें होनी चाहिए और एक ऐसा फिटनेस मानक होना चाहिए जिसे पूरी टीम साथ कर सके।” भज्जी ने कहा, ”यह यो-यो टेस्ट का नया ड्रामा है, जो मेरे लिए क्रिकेट में है नहीं। यह फुटबॉलर्स और हॉकी प्लेयर्स के लिए है क्योंकि इस टेस्ट में आप एक बार आगे दौड़ सकते हो और फिर पीछे, जो कि क्रिकेट में कभी नहीं होता।
यो-यो टेस्ट में खिलाड़ियों को मैदान पर 20 मीटर की दूरी पर रखे गए दो कोन्स के बीच दौड़ना होता है। खिलाड़ी ‘बीप’ की आवाज पर दौड़ना शुरू करता है और दूसरे बीप से पहले दूसरे छोर के कोन तक पहुंचना होता है, फिर से पलटकर तीसरी बीप से पहले पहले कोन तक वापस दौड़ना होता है।
पूर्व भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन भी चोपड़ा और हरभजन से इत्तेफाक रखते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ खिलाड़ियों के लिए मैच फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए न कि यो-यो टेस्ट में उनके प्रदर्शन पर। उन्होंने कहा, ”अगर आप सनी भाई (सुनील गावस्कर) को यो-यो टेस्ट के लिए बोलोगे, वो ये नहीं कर पाएंगे। हमारे कई बड़े-बड़े खिलाड़ी नहीं कर पाएंगे। तो कुछ खिलाड़ियों के लिए मैच फिटनेस को ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि हर खिलाड़ी की फिटनेस अलग होती है।”
टीम के कोच रवि शास्त्री के अनुसार, प्रबंधन इस टेस्ट को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था, ”यह योग्यता और फिटनेस का एक कॉम्बो है। अगर आप फिट हैं तो आप उस योग्यता को और बढ़ा सकते हैं। यही वो चीज है जिसपर यो-यो टेस्ट डिजाइन करते वक्त जोर दिया गया। और इसे यहां रहना है। जो कोई भी सोचता है कि यह सिर्फ एक बार के लिए है, वह गलतफहमी में है और वह बाहर जा सकता है।”

