भारतीय युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कमाल का खेल दिखाया। यशस्वी जायसवाल ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 712 रन बनाए। जायसवाल ने इस दौरान दो दोहरे शतक भी लगाए। जायसवाल ने अपनी इस सफलता का कारण बताया और साथ ही यह भी बताया कि आखिर क्यों उन्हें जबरदस्ती नेट्स से बाहर निकाला जाता है।

जायसवाल को नेट्स से निकालना पड़ता है बाहर

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में यशस्वी जायसवाल ने कहा, ‘हां मुझे नेट्स से जबरदस्ती बाहर किया जाता है। मुझे बल्लेबाजी करना बहुत पसंद है और मुझे खुशी है कि मुझे वह करने का मौका मिल रहा है जिससे मुझे प्यार है। मुझे खुशी है कि भगवान ने मुझे यह मौका दिया और मैं इसका पूरा फायदा उठाना चाहता हूं। मैं मेहनत करना चाहता हूं। अपना 100 प्रतिशत दूंगा। मुझे खुद पर विश्वास है कि बहुत मेहनत की है। जब मैं नेट्स में बल्लेबाजी करता हूं तो मुझे अच्छी नींद आती है।’

जायसवाल ने बताया लंबी टेस्ट सीरीज में कैसे रहते हैं फिट

जायसवाल ने आगे बताया कि पांच टेस्ट मैचों की लंबी सीरीज खेलने के लिए वह खुद को कैसे तैयार करते हैं। जायसवाल ने कहा, ‘यह एक तरह की प्रक्रिया है। अगर मुझे पांच टेस्ट मैच खेलने हैं तो मुझे ढंग से सोना, ढंग से खाना और समय पर ग्राउंड पहुंचना होता है। यह मेरा रूटीन है और मैं इसे तोड़ना नहीं चाहता।’

मैच जिताने के इरादे से उतरते हैं जायसवाल

जायसवाल ने बताया कि वह ऐसे खिलाड़ी नहीं है जो कि मैच से पहले गेंदबाजों को देखते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वह सेट हो जाएंगे तो बड़ा स्कोर बना लेंगे। उनके दिमाग में सिर्फ यही बात चलती है। जायसवाल ने कहा, ‘जब मैं क्रीज पर चलता हूं तो मैं खुद को यही कहता हूं कि मुझे मैच खत्म करना है। मुझे टीम के लिए मैच जीतना है। टेस्ट क्रिकेट में आपको मैच के लिए रणनीति बनाने का समय मिलता है।’