भारतीय महिला पहलवान कविता दलाल अब आपको डब्लूडब्लूई में अन्य पहलवानों को पटखनी देते हुए दिखाई देंगी। बता दें कि जानेमाने पहलवान खली की शिष्या कविता दलाल डब्लूडब्लूई में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। इतिहास में इससे पहले कभी भी कोई भारतीय महिला पहलवान डब्लूडब्लूई का हिस्सा नहीं बनी है। वहीं डब्लूडब्लूई से करार करने के बाद कविता दलाल डब्लूडब्लूई मय यंग क्लासिक टूर्नामेंट में पहलवानी करते हुए दिखेंगी। कविता दलाल के डब्लूडब्लूई से करार करने की घोषणा डब्लूडब्लूई चैम्पियन जिंदर महल ने की। कविता दलाल को पहलवानी करने के लिए रेस्लिंग वाले कपड़ों की जरुरत नहीं पड़ती। वे सलवार-सूट में भी रेस्लिंग रिंग में उतर जाती हैं। कविता ने कई रेस्लिंग सलवार-सूट में की हैं।
आपको पिछले साल की एक बात बताते हैं, कविता अपने चार साल के बेटे के साथ 13 जून को जालंधर में एक रेस्लिंग शो देखने के लिए गई थीं। इस शो में दिल्ली की पहलवान बुलबुल रिंग में खड़ी थी और ऑडियन्स को खुद से लड़ाई करने के लिए ललकार रही थी। कविता ने देखा कि जब कोई उससे लड़ने के लिए आगे नहीं आ रहा है तो कविता ने बुलबुल की चुनौती स्वीकार की और सलवार-सूट पहने रिंग में उतर गईं। कविता ने बुलबुल को इस प्रकार चित कर दिया की बीचबचाव करने के लिए शो स्टाफ को आना पड़ा और उन्होंने फाइट को रुकवाया।
कविता ने जालंधर स्थित खली की अकेडमी से ट्रेनिंग ली है। 2016 के साउथ एशियन गेम्स में पावलिफ्टिंग में कविता ने स्वर्ण पदक जीता था। डब्लूडब्लूई का हिस्सा बनने के बारे में कविता से पूछा गया थो उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है कि डब्लूडब्लूई में हिस्सा लेने वाली मैं पहली भारतीय महिला बनी हूं। इस टूर्नामेंट में कई बेहतरीन महिलाएं प्रदर्शन करेंगी जिनके साथ लड़कर मुझे एक बहुत ही अच्छा अनुभव मिलेगा। अब मेरा सपना है कि मैं डब्लूडब्लूई चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनूं।
