विकेटकीपर्स को अकसर मजाकिया और मौज-मस्ती करने वाला माना जाता है। साथ ही उनकी विपक्षी टीम के बल्लेबाज से भी नोकझोंक होती रहती है लेकिन भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने कहा कि वह अपने सीनियर महेंद्र सिंह धोनी की तरह खुद को स्लेजिंग करने में असहज और चुप रहना पसंद करते हैं। साहा ने एचटी से बातचीत में कहा, मैंने कभी महेंद्र सिंह धोनी को स्लेजिंग करते नहीं देखा। तो यह जरूरी नहीं कि आपको स्लेजिंग करनी ही है। लेकिन बल्लेबाज का ध्यान भंग करने के लिए आप चीजों को बदलकर पेश कर सकते हैं जैसे-पिच खराब है या आपने खराब शॉट खेला। इतना चलता है। साहा फिलहाल श्रीलंका में चल रही टेस्ट सीरीज में विकेटकीपिंग कर रहे हैं। कोलंबो टेस्ट मैच में साहा ने विकेटों के पीछे कई शानदार कैच पकड़े। शतक जड़ने वाले कुशाल मेंडिस का कैच लेकर मैच का रुख मोड़ने का श्रेय उन्हें ही जाता है। इसके बाद उन्होंने एंजेलो मैथ्यूज का भी कैच लपका था।

श्रीलंका के खिलाफ होने वाला तीसरा टेस्ट मैच साहा का 100वां फर्स्ट क्लास मैच होगा। अपनी कामयाबी पर साहा ने एचटी से कहा कि उन्होंने अपनी गेम में थोड़े बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह चीज बचपन से देख और सीख रहा हूं कि बॉल के बाउंस होते ही आपको उठना पड़ता है। लेकिन कोलंबो टेस्ट में गेंद बहुत ज्यादा बाउंस हो रही थी। इसके लिए मैं पहले ही उठ जाता था। साहा ने यह भी कहा कि अपनी टीम के लिए अहम विकेट लेना फायदेमंद होता है और निजी तौर पर यह आपकी प्रेरणा बढ़ाता है। इससे मुझे भी विश्वास मिला कि मैं मुश्किल पिचों पर मुश्किल कैच ले सकता हूं।

डीआरएस लेते वक्त कप्तान की मदद के बारे में उन्होंने कहा कि विराट कोहली हमेशा कहते हैं कि जो भी विकेट के पीछे है चाहे अजिंक्य रहाणे हों या मैं, वह उन्हें इस बारे में गाइड करें कि बल्लेबाज आउट है या नहीं। उन्होंने कहा कि विराट कभी शिकायत नहीं करते कि हमने यह डीआरएस क्यों लिया और क्यों नहीं। गौरतलब है कि रवींद्र जडेजा की फिरकी के जादू से भारत ने सलामी बल्लेबाज दिमुथ करुणारत्ने के जुझारू शतक के बावजूद दूसरे क्रिकेट टेस्ट के चौथे ही दिन चाय से पहले श्रीलंका को पारी और 53 रन से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 की विजयी बढ़त बना ली है। दुनिया की नंबर एक टीम भारत ने लगातार आठवीं श्रृंखला जीती है और 2014-15 में ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर चार टेस्ट की श्रृंखला में 2-0 की हार के बाद से टीम इंडिया ने कोई टेस्ट श्रृंखला नहीं गंवाई है। भारत ने इसके बाद दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से, वेस्टइंडीज को 2-0 से,न्यूजीलैंड को 3-0 से, इंग्लैंड को 4-0 से, बंगलादेश को 1-0 से और ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर लगातार सातवीं टेस्ट सीरीज जीत दर्ज की और दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम बन गई। विराट कोहली की कप्तानी में इस तरह भारत ने इस तरह अपना अजेय अभियान जारी रखा है।