ओलंपिक मेडलिस्ट रेसलर योगेश्वर दत्त खुलकर धरना देने वालें पहलवानों के खिलाफ खड़े हो गए हैं। गुरुवार को एड-हॉक समिति ने धरने पर बैठे पहलवानों को एशियन गेम्स में खास राहत दी और उनका यह फैसला बीजेपी नेता को बिलकुल रास नहीं आया। उन्होंने सभी पहलवानों से इस फैसले के खिलाफ खड़े होने की अपील की है। साथ ही साथ योगेश्वर ने वीडियो शेयर करके खाप और किसान नेताओं पर भी सवाल उठाए हैं।

योगेश्वर ने पहलवानों से की अपील

योगेश्वर दत्त ने कहा, ‘मैं ग्रीको रोमन और फ्री स्टाइल के सभी पहलवानों से अपील करता हूं कि वह अपनी आवाज उठाएं। मैं यह नहीं कह रहा कि धरना करें। लेकिन गृहमंत्री को खत लिखें, खेल मंत्री को खत लिखें, आईओए को लिखें। मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज उठाएं। सबको इस फैसले के बारे में बताएं। पिछली फेडरेशन ने बिना ट्रायल लिए भी टीम भेजी है लेकिन नंबर वन टीम भेजी। ट्रायल में छूट भी दी है लेकिन उन पहलवानों को जो बेस्ट थे और जिन्होंने ताजा टूर्नामेंट्स में अच्छा प्रदर्शन किया था।’

खाप पंचायतों पर भी उठाए सवाल

योगेश्वर ने यहां धरने के दौरान पहलवानों का समर्थन करने वाले किसान नेताओं और खाप पंचायतों से भी इस फैसले पर ध्यान देने को कहा। योगेश्वर ने कहा, ‘सभी खाप पंचायतें, किसान संगठन इस फैसले को जरूर देखिए। क्योंकि आपने इन पहलवानों का साथ दिया था। इस आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यह जो फैसला है या किसके लिए अच्छा और किसके लिए बुरा है। अब आप उस प्रदर्शन की हकीकत को जानिए कि वह यौन शोषण के खिलाफ हुआ था या ट्रायल में छूट के लिए किया गया था।’

योगेश्वर बोले- राजनीति नहीं रेसलिंग के लिए कह रहा हूं अपनी बात

पहलवानों को बता दूं कि मैं यह सब रेसलिंग के लिए बोल रहा हूं। लोग कहेंगे कि मैं पार्टी से जुड़ा हुआ हूं और इसलिए ऐसा बोल रहाहूं लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। मैं इतनी घटिया राजनीति नहीं करता हूं। जब भी मुझे लगेगा कि रेसलिंग में कुछ गलत हो रहा है तो मैं बोलूंगा। जहां आपको मेरी जरूरत पड़े तो मुझे बताएगा। आप अपनी आवाज उठाएं। पहलवानों के परिवार वालों से कहूंगा कि आप भी यह बात समझें। एडहॉक समिति का का यह फैसला तानाशाही फैसला हैं। यह पहलवान तो एक साल से मैट से ही दूर है। खाप पंचायतों , किसान नेता भी इस फैसले को देखें। उन्होंने बढ़चढ़कर इस आंदोलन में हिस्सा लिया तो अब वह भी देखें कि यह फैसला किस के लिए किया गया है और मेरा मानना है कि यह फैसला कुश्ती के लिए तो बिलकुल नहीं है। हमारे जूनियर पहलवानों ने अच्छा खेल दिखाया है।