Vinesh Phogat on Wrestlers Protest: पिछले आठ दिन से रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों को जहां एक ओर राजनेताओं, एक्टर्स और साथी खिलाड़ियों का साथ मिल रहा है वहीं कुछ लोग उनपर सवाल भी उठा रहे हैं। कुछ का कहना है कि खिलाड़ी तीन महीने बाद एफआईआर क्यों दर्ज क्यों कर रहे हैं। तीन महीने पहले ये फैसला क्यों नहीं किया गया है। बीते आठ दिनों में पहली बार विनेश फोगाट ने खुलकर इस बारे में बात की।

पुलिस के दबाव में थीं विनेश

विनेश ने इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज में बात करते हुए पहले एफआईआर न करने की वजह बताई। उन्होंने कहा, ‘हमें पुलिस स्टेशन जाने में डर लग रहा था। हम कभी वहां नहीं गए। जनवरी में हमें खेल मंत्रालय ने आश्वासन दिया था कि हम चिंता न करें और वो सबकुछ करेंगे। हमें अब लगता है कि तभी एफआईआर हो जानी चाहिए थी और इंतजार नहीं करना चाहिए था। तब हमारे पास ये कदम उठाने की हिम्मत नहीं थी। हमें लग रहा था कि पता नहीं क्या होगा, किससे कैसे बात करनी होगी। मीडिया भी कई बार पीड़ितों से अजीब तरीके से बात करती हैं। उनके परिवार वाले डरे हुए थे।’

महिला एथीलट्स को होती हैं कई मुश्किलें

तीन बार की कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट ने आगे कहा, ‘हमने नहीं सोचा था कि हम एफआईआर करेंगे। न ही उन लोगों ने सोचा था जिनके हम खिलाफ हैं। उन्हें लग रहा था कि अगर हमें एफआईआर करनी होती तो पहले ही कर देते हैं। वह जानते हैं कि महिला एथलीट होने की क्या परेशानियां होती हैं। उन्होंने हमारी कमजोरी का फायदा उठाया। उन्हें पता था कि हम डरे हुए हैं।’

आने वाले एथलीट्स के लिए कर रहे हैं लड़ाई

इस बीच इस वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडलिस्ट ने इस लड़ाई को शुरू करने की वजह भी बताई। विनेश ने बताया कि इतने सालों से सबकुछ झेलने के बाद जब उन्हें एहसास हुआ कि आने वाले समय में भी ये स्थिति नहीं बदलेगी तब उन्होंने ये फैसला किया।

विनेश ने कहा, ‘जब ट्रायल्स और प्रतियोगिताओं के समय बृजभूषण वहां होते थे तो कहते थे कि मैं अगले 20 साल तक यही हूं। जो नए पहलवान थे, वह जब आते तब भी वो यहीं होता। हमने तो जैसे-तैसे बर्दाश्त किया और हिम्मत के साथ सामने आए। लेकिन अगर वो खिलाड़ी जो कि बड़े स्तर तक नहीं पहुंचेंगे उनकी बात कौन सुनेगा। बृजभूषण को लगता है कि सब उनके पैर के नीचे हैं। हमारा ये करना जरूरी था।’