Sakshi Malik on Yogeshwar Dutt: 23 अप्रैल से शुरू हुआ पहलवानों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। दिन की शुरुआत में खाप पंचायतों ने बड़ी संख्या में आकर खिलाड़ियों का समर्थन किया। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली पुलिस को महिला खिलाड़ियों की एफआईआर दर्ज न करने के लिए नोटिस भी थमा दिया। खिलाड़ी अपनी बात रख रहें हैं, उनकी बात से सहमत लोग खुलकर समर्थन कर रहे हैं। फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना है लेकिन इस बीच सवाल ये है कि इस धरने के बीच खिलाड़ियों की ट्रेनिंग का क्या होगा।

जनसत्ता.कॉम से बात करते हुए सोमवार को बजरंग पूनिया ने कहा था कि आने वाले एशियन गेम्स की तैयारियों के लिए जंतर-मंतर पर ही मैट लगाएंगे लेकिन मंगलवार को ऐसा कुछ नजर नहीं आया। ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने इसका कारण भी दिल्ली पुलिस को ही बताया।

पुलिस के कारण रुकी ट्रेनिंग

जनसत्ता.कॉम से बात करते हुए साक्षी ने कहा, ‘जिंदगी पूरी बदल गई है। कभी नहीं सोचा था कि ऐसे बैठना पड़ेगा। हम भी चाहते हैं आने वाले एशियन गेम्स, ओलंपिक क्वालिफिकेशन की तैयारी करे। कौन सा खिलाड़ी ट्रेनिंग छोड़कर यहां बैठना चाहता है लेकिन हम क्या करें। हम तो मैट भी लाए, ट्रॉली बाहर खड़ी है, आप जाकर देखो। लेकिन ये लोग उसे अंदर ही नहीं आने दे रहे। बिजली भी काट दी गई है।’

बबीता के संपर्क में नहीं है पहलवान

साक्षी ने यहां निगरानी समिति (ओवरसाइट कमेटी) की रिपोर्ट को लेकर भी बात की। उन्होंने बताया कि वो समिति में शामिल बबीता के संपर्क में नहीं थे। उन्हें आज पता चला कि उनसे जबरदस्ती साइन कराए गए। साथ ही साथ साक्षी ने ओलंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त पर भी सवाल उठाए।

साक्षी को नहीं योगेश्वर दत्त पर यकीन

योगेश्वर दत्त भी कमेटी का हिस्सा हैं। साक्षी ने कहा, ‘ मुझे तो नहीं लगता कि एक कमेटी में दो-दो खिलाड़ी होने के बावजूद जांच में कुछ न निकले। योगेश्वर दत्त की तरफ से समर्थन नहीं दिया गया है। वह कमेटी का हिस्सा थे, सारी बातें सुन रहे थे लेकिन फिर भी सही का साथ नहीं दिया। ये देखकर निराशा तो होती ही है।’ साक्षी मलिक ने न्यायपालिका पर अपना भरोसा जताया और कहा कि उन्हें यकीन है कि इंसाफ होगा।