Yogeshwar Dutt on Wrestlers Protest: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के टॉप पहलवान धरने पर बैठे हुए हैं। इन पहलवानों का कहना है कि जांच कमेटी ने उनके साथ न्याय नहीं किया है। ओलंपिक मेडलिस्ट रेसलर और निगरानी समिति (ओवरसाइट कमेटी) में शामिल योगेश्वर दत्त का कहना है कि पहलवानों को जनवरी में ही एफआईआर दर्ज करा देनी चाहिए थी।
जनवरी में ही करनी चाहिए थी एफआईआर
दिग्गज पहलवान ने कहा , ”पुलिस तभी कार्रवाई करेगी जब आप उन्हें इसकी सूचना देंगे। अगर कोई घर पर बैठता है तो वह ऐसा नहीं करेगी। पहलवानों को तीन महीने पहले ऐसा करना चाहिए था। मैंने पहले भी कहा था कि अगर वे कार्रवाई चाहते हैं, तो उन्हें इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए। कानून अपना करेगा”
कमेटी के पास नहीं सजा देने की पावर
इस के साथ ही उन्होंने कहा कि कमेटी सिर्फ बात सुनती है वो किसी को दोषी और निर्दोष साबित नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, ‘दो कमेटी बनाई गई, एक खेल मंत्रालय की और एक आईओए की। कमेटी किसी को दोषी या निर्दोष साबित नहीं कर सकती। ये पावर उनके पास नहीं है। पावर केवल न्यायलय के पास, किस को सजा देनी है, किस को नहीं। कमेटी का काम है कि दोनों पक्षों की बात सुनें और रिपोर्ट दे।’ उन्होंने साथ ही कहा कि कोर्ट में केस जा चुका है, कमेटी की रिपोर्ट का अब अहम है। देश का प्रधानमंत्री भी सजा नहीं दे सकता।
कोई नहीं जानता घर के अंदर क्या हुआ
पहलवानों ने कहा था कि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें 12 मिनट का भी समय नहीं दिया। इसके जवाब में योगेश्वर दत्त ने कहा, ‘खेल मंत्री के घर के अंदर क्या हुआ ये नहीं पता। खिलाड़ी अंदर 6-7 घंटे रहे हैं। अंदर किस को समय मिला किस को नहीं ये नहीं पता। खिलाड़ी चाहते थे कि एफआईआर हो जो कि हो गई। अब उन्हें एशियन गेम्स के बारे में सोचना चाहिए और ट्रेनिंग पर जाना चाहिए।’