प्रत्युष राज

वुमेंस प्रीमियर लीग के ऑक्शन (WPL Auction) में सोमवार को भारतीय टीम की ऑलराउंडर पूजा वस्त्राकर 1.9 करोड़ में बिकीं। मुंबई इंडियंस (MI) ने मध्य प्रदेश के शहडोल की रहने वाली 23 साल की ऑलराउंडर को खरीदा। वह साउथ अफ्रीका में महिला टी20 वर्ल्ड कप खेलने गई हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली टीम इंडिया का भी हिस्सा हैं। साउथ अफ्रीका जाने से पहले 15 लाख रुपये में उन्होंने कार खरीदी थी तो उनके पिता बंधन राम वस्त्रकार इससे खुश नहीं थे। उन्होंने अपनी बेटी को डांट लगाई और इस पैसे की बर्बादी बताया। अब वह चाहते हैं कि वुमेंस प्रीमियर लीग से होने वाली कमाई को पूजा फिक्सड डिपॉजिट (FD) कर दें।

रिटायर्ड बीएसएनएल कर्मचारी बंधन राम ने कभी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी एक दिन भारत के लिए खेलेगी और क्रिकेट के लिए उसका जुनून उसे इतना पैसा दिलाएगा। बंधन राम ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ” बहुत पैसा वेस्ट करती है। मैं चाहता हूं कि सारे पैसे का एफडी कर ले। चार साल की उम्र से वह क्रिकेट खेलती है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन भारत के लिए खेलेगी। लेकिन वह हमेशा से यह जानती थी।”

क्रिकेट में अपना समय क्यों बर्बाद कर रही

पूजा सात भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं और अपने पिता की लाडली हैं। बंधन राम ने बताया, “जब भी वह क्रिकेट के लिए पैसे मांगती, तो मैं उसे यह कहकर चिढ़ाता कि वह क्रिकेट में अपना समय क्यों बर्बाद कर रही है। वह कहती थी आप देखना, इंडिया खेलूंगी। ” बंधन राम की इच्छा अपनी बेटी को महिला विश्व कप खिताब के साथ देखने की है। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि वह दक्षिण अफ्रीका में भारत के विश्व कप जीतने में योगदान देगी। वह चोट के बाद वापसी कर रही है और उम्मीद है कि वह फिट रहेगी।”

8-9 साल की उम्र से गली क्रिकेट खेलती थीं पूजा

पूजा को उनकी बड़ी बहन उषा खेल में लेकर आईं, जो एथलेटिक्स में थीं और उन्होंने क्रिकेट को लेकर अपनी बहन की मेहनत के बारे मे बताया। उन्होंने कहा, “आठ-नौ साल की उम्र तक वह लड़कों के साथ गली में क्रिकेट खेलती थी। फिर आशुतोष श्रीवास्तव सर ने उसे मैदान पर खेलते हुए देखा हमारे घर आए और मेरे पिता से कहा कि उन्हें अपनी अकादमी में शामिल होने दें। एक साल बाद जब मेरी मां का निधन हो गया, तो उसने अकादमी जाना बंद कर दिया। मुझे इसके बारे में पता चला और उसे अकादमी ले गई। इसके बाद से उसने एक भी अभ्यास सत्र नहीं छोड़ा। मुझे खुशी है कि वह अपने जुनून को आगे बढ़ा रही है। हमें उसकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है।”

पूजा को कोच समझ बैठे लड़का

पूजा के कोच आशुतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि वह पूजा को अपने दोगुने उम्र को गेंदबाजों पर छक्के लगाते हुए देखकर उन्हें लड़का समझ बैठे थे। उन्होंने कहा, “मैंने उसे शहडोल के नगर निगम के मैदान में खेलते हुए देखा था। मैंने टेनिस बॉल क्रिकेट में एक बच्चे को छक्के मारते देखा। मैंने उनमें से एक बच्चे से पूछा, यह लड़का कौन है, तो जवाब था, ‘सर ये तो लड़की है।’ मैं उसके पावर-हिटिंग से चकित था।”

पूजा ने लड़कों के साथ की प्रैक्टिस

पूजा को अपनी अकादमी में लाने के बाद आशुतोष श्रीवास्तव ने उन्हें कभी भी लड़कियों के साथ ट्रेनिंग नहीं लेने दिया और पूजा को लड़कों के साथ खेलने दिया। वह अपनी उम्र की लड़कियों से काफी बेहतर थीं। उन्होंने कहा, मैंने उन्हें लड़कों की अंडर-14 टीम में रखा और कुछ हफ्ते में वह अपने आयु वर्ग के लड़कों में भी सबसे अच्छी निकली। “