स्टार स्ट्राइकर जेमी ड्वायर और ड्रैग फ्लिकर क्रिस सिरेलो के करिश्माई प्रदर्शन के सामने पूरी तरह से नाकाम भारत को विश्व हॉकी लीग सेमीफाइनल में रविवार को यहां ग्रुप ए के आखिरी मैच में विश्व की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया के हाथों 2-6 की करारी हार का सामना करना पड़ा।

ड्वायर ने यदि अपनी स्टिक के जादू से भारतीयों को हतप्रभ किया तो सिरेलो ने पेनल्टी कॉर्नर की अपनी विशेषज्ञता का खूबसूरत नजारा पेश करके हैट्रिक बनायी। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से एरेन जालेवस्की (आठवें), ड्वायर (14वें), सिरेलो (26वें, 33वें और 44वें मिनट) और कीरेन गोवर्स (42वें मिनट) ने गोल दागे। भारत के लिये बीरेंद्र लाकड़ा (34वें) और रमनदीप सिंह (51वें मिनट) ने गोल किये।

ऑस्ट्रेलिया इस तरह से पूल ए में अपना विजय अभियान जारी रखकर 12 अंकों के साथ शीर्ष पर रहा। रियो ओलंपिक खेल 2016 के लिये पहले ही क्वालीफाई कर चुके भारत की यह लीग में पहली हार है और उसे सात अंक के साथ ग्रुप में दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।

ऑस्ट्रेलिया ने शुरू से ही आक्रामक तेवर अपनाये। जेमी ड्वायर ने पहले मिनट में ही भारतीय डी में घुसकर अपने इरादे जतला दिये थे। भारतीय खिलाड़ियों ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया लेकिन ड्वायर को कब तक रोका जा सकता था। उन्होंने सातवें मिनट में ही चिंगलेनसाना से गेंद छीनकर उसे ‘डी’ के बीचों बची खड़े जालेवस्की की तरफ बढ़ाया जिन्हें अपने करारे शॉट से श्रीजेश को छकाने में दिक्कत नहीं हुई।

भारत इसके बाद रक्षात्मक हो गया और ऑस्ट्रेलिया ने आक्रमण जारी रखे। इस बीच श्रीजेश ने ब्लैक गोवर्स का शॉट रोककर गोल बचाया लेकिन ड्वायर ने जल्द ही अपना जादू दिखाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। वह ट्रिस्टेन व्हाइट से गेंद संभालकर डी में पहुंचे और वहां से उनके शॉट का श्रीजेश के पास भी कोई जवाब नहीं था। ऑस्ट्रेलिया पहले क्वार्टर में ही 2-0 से आगे हो चुका था।

दूसरे क्वार्टर में भारत आक्रमण के लिये उतावला दिखा। गुरमैल सिंह की कोशिश हालांकि नाकाम चली गयी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी जवाबी हमला किया लेकिन श्रीजेश और बीरेंद्र लाकड़ा ने मिलकर जैकब वेटन और कीरेन गोवर्स के सामूहिक प्रयास को असफल किया।

ऑस्ट्रेलिया जल्द ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल करने में सफल रहा। श्रीजेश ने शुरुआती शॉट रोक दिया था लेकिन सिरेलो रिबाउंड पर गोल करने में सफल रहे। ऑस्ट्रेलिया को मध्यांतर से तीन मिनट पहले दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला। इस बार भी ऊंचा और तेज ड्रैग फ्लिक तेजी से भारतीय गोल की तरफ बढ़ रहा था लेकिन श्रीजेश की तारीफ करनी होगी जिन्होंने अपनी स्टिक से बड़ी कुशलता से उसे रोक दिया। ऑस्ट्रेलिया ने इस तरह से मध्यांतर तक 3-0 की बढ़त बनाये रखी।

मध्यांतर के बाद भी कहानी नहीं बदली। ऑस्ट्रेलिया ने शुरू में ही रेफरल के सहारे पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया और सिरेलो ने खूबसूरत फ्लिक से इस पर गोल करके अपनी टीम को 4-0 से आगे कर दिया। भारत ने इसके तुरंत बाद जवाबी हमला किया जिसका फायदा उसे पहले पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला। जसजीत सिंह की फ्लिक चूक जाने के बाद बीरेंद्र लाकड़ा ने दूसरे रिबाउंड पर गोल करके भारत को कुछ राहत दिलायी।

तीसरे क्वार्टर में ही इसके बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पेनल्टी कॉर्नर देने के रेफरी के फैसले को रेफरल के जरिये पलट दिया लेकिन वह अपने प्रतिद्वंद्वी के हमलों को रोकने में नाकाम रहा। श्रीजेश जल्दी आगे आ गये लेकिन वह कीरेन गोवर्स को गोल करने से नहीं रोक पाये। इसके तुरंत बाद ऑस्ट्रेलिया को चौथा पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे सिरेलो ने गोल में बदलकर अपनी हैट्रिक पूरी की।

रमनदीप आखिरी क्वार्टर में मैदान पर उतरे और उन्होंने आते ही अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। आकाशदीप सिंह और धर्मवीर सिंह ने भी इसमें अहम भूमिका निभायी। धर्मवीर ने गेंद रमनदीप की तरफ बढ़ायी जिन्होंने उस पर टूर्नामेंट का अपना चौथा गोल दागा।

भारत ने आखिरी क्वार्टर में अच्छा खेल दिखाया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। रमनदीप ने आखिरी क्षणों में भी गोल करने की कोशिश की लेकिन वह गोलकीपर को नहीं छका पाये। इस बीच निक्किन थिम्मैया भी एक बार डी के अंदर गेंद संभालने में असफल रहे।