अपने शुरूआती मैच में मेजबान आस्ट्रेलिया से करारी शिकस्त झेलने वाले इंग्लैंड को विश्व कप क्रिकेट के पूल ए के मैच में कल यहां अजेय न्यूजीलैंड के खिलाफ एक और कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। इंग्लैंड की शुरूआत बेहद निराशाजनक रही और उसे आस्ट्रेलिया के हाथों 111 रन की करारी हार का सामना करना पड़ा।

आरोन फिंच, जार्ज बेली और ग्लेन मैक्सवेल ने इंग्लैंड के मजबूत माने जा रहे गेंदबाजी आक्रमण को तार तार कर दिया और अब देखना होगा कि कप्तान इयोन मोर्गन और उनके साथी इस हार से किस तरह से उबरते हैं।

दूसरी तरफ न्यूजीलैंड लगातार दो जीत से क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के करीब है। उसने टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में 1996 के चैंपियन श्रीलंका को 98 रन से हराया और फिर दूसरे मैच में स्काटलैंड को तीन विकेट से पराजित किया। इंग्लैंड के लिये परिस्थितियां बेहद कठिन बनती जा रही हैं क्योंकि वह जानता है कि आस्ट्रेलिया से हार के बाद यदि वह सह मेजबान न्यूजीलैंड से भी पराजित हो जाता है तो उसके लिये आगे बढ़ना मुश्किल हो जाएगा।

इंग्लैंड का मनोबल बढ़ाने का जिम्मा कप्तान मोर्गन पर है लेकिन वह स्वयं अच्छी फार्म में नहीं चल रहे हैं। उन्होंने पिछली पांच पारियों में केवल दो रन बनाये हैं। अब उन पर खुद अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव है। एलिस्टेयर कुक से कप्तानी का दायित्व संभालने वाले मोर्गन को वेस्टपैक स्टेडियम में कल होने वाले मैच में आगे बढ़कर नेतृत्व करना होगा।

यह कहने की जरूरत नहीं कि न्यूजीलैंड जीत के प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगा। यह अलग बात है कि स्काटलैंड के खिलाफ उसके बल्लेबाजों को 143 रन तक पहुंचने के लिये भी संघर्ष करना पड़ा था। वह इस मैच में अपनी बल्लेबाजी कमजोरियों से पार पाना चाहेगा।

यह हालांकि आसान नहीं होगा क्योंकि उसका सामना स्टुअर्ट ब्राड और जेम्स एंडरसन जैसे गेंदबाजों से होगा। न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रैंडन मैकुलम ने भी स्वीकार किया कि यह एक अलग तरह का मैच होगा क्योंकि उनकी टीम ने फिलहाल इस तरह के गेंदबाजों का सामना नहीं किया है।

उन्होंने कहा, ‘उनका गेंदबाजी आक्रमण शानदार है। ब्राड और एंडरसन जैसे गेंदबाज काफी तेजी से गेंद करते हैं और उन्हें पर्याप्त उछाल मिलती है। इसलिए यह अलग तरह की चुनौती होगी जिसका फिलहाल हमने खास सामना नहीं किया है लेकिन खिलाड़ी इस चुनौती के लिये तैयार हैं। ’