भारतीय शटलर किदांबी श्रीकांत ने हुएल्वा में जारी बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हमवतन लक्ष्य सेन को हराकर इतिहास रच दिया है। इसी के साथ इस टूर्नामेंट में भारत के दो पदक भी पक्के हो गए हैं। सेमीफाइनल में श्रीकांत से हार झेलने वाले लक्ष्य सेन भी इस प्रतियोगिता में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले तीसरे पुरुष शटलर बन गए हैं।

आपको बता दें इससे पहले इस इवेंट के 44 साल पुराने इतिहास में भारतीय पुरुष शटलर्स सिर्फ दो बार ही मेडल जीत पाए थे। दोनों बार भारत को ब्रॉन्ज मेडल ही मिला था। यानी पहली बार किदांबी श्रीकांत भारत के लिए रजत या स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय शटलर होंगे।

मेन्स सिंगल्स में भारत की ओर से प्रकाश पादुकोण (1983 में कांस्य पदक) और बीसाई प्रणीत (2019 में कांस्य पदक) ने पदक जीते थे। महिला वर्ग में पीवी सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप में पांच पदक जीते हैं, जबकि सायना नेहवाल के नाम दो पदक हैं। ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी भी 2011 सत्र के डबल्स में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।

मौजूदा चैंपियनशिप के सेमीफाइनल की बात करें तो श्रीकांत ने लक्ष्य सेन को पहला सेट गंवाने के बावजूद 17-21, 21-14, 21-17 से मात दी। दो भारतीय शटलर्स की इस भिड़ंत में सेन ने शानदार शुरुआत करते हुए श्रीकांत को पहला सेट हरा दिया था। लेकिन इसके बाद पूर्व नंबर-1 खिलाड़ी ने शानदार वापसी की और फाइनल में जगह बनाई।

विश्व नंबर 22 से होगी खिताबी भिड़ंत

किदांबी श्रीकांत भारत के लिए पहली बार इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने वाले पुरुष शटलर हैं। वहीं सिंगापोर के लोह कियन यू (Loh Kean Yew) भी पहली बार फाइनल में पहुंचने वाले सिंगापोरियन शटलर हैं। वे इस प्रतियोगिता में वर्ल्ड नंबर 1 विक्टर एक्सलसन को हराकर तहलका मचा दिया था। लोह इस साल के इंडोनेशिया ओपन चैंपियन भी हैं।

वहीं अगर श्रीकांत की बात करें तो 2017 में इंडोनेशिया ओपन, डेनमार्क ओपन, ऑस्ट्रेलिया ओपन और फ्रेंच ओपन चारों खिताब जीतने के बाद वे पिछले चार साल में एक भी खिताब नहीं जीत पाए हैं। ऐसे में विश्व रैंकिंग में 14वें स्थान के भारतीय खिलाड़ी श्रीकांत के लिए वर्ल्ड नंबर 22 लोह कियन की चुनौती आसान नहीं होगी। ये मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 4 बजे से रविवार को प्रसारित किया जाएगा।