नीदरलैंड को पेनल्टी शूटआउट में हराकर हाकी विश्व लीग फाइनल में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हाकी टीम के अनुभवी स्ट्राइकर एसवी सुनील का मानना है कि इस जीत से रियो ओलंपिक के लिए टीम का हौसला बढ़ेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी फारवर्ड पंक्ति को प्रदर्शन में और सुधार करना होगा। भारत ने किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक नहीं जीत पाने का 33 साल पुराना मलाल दूर करते हुए रविवार को नीदरलैंड को पेनल्टी शूटआउट में हराकर हाकी विश्व लीग में कांस्य पदक हासिल किया।

सुनील ने बातचीत में कहा कि इस जीत से रियो ओलंपिक के लिए हमारा हौसला बढ़ेगा क्योंकि नीदरलैंड को हराना बहुत बड़ी बात है। इससे हमें आत्मविश्वास मिला है कि हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं। लेकिन अभी ओलंपिक में काफी समय है और कोई कयास लगाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कोच (रोलेंट ओल्टमेंस) ने हमें यही सिखाया है कि पदक के बारे में सोचकर खेलेंगे तो कुछ हासिल नहीं होगा। हमने मैच दर मैच रणनीति बनाई और उन्होंने यही कहा था कि हर खिलाड़ी अपनी ओर से पूरा योगदान देगा तो नतीजा खुद मिलेगा। हमने कोच की रणनीति पर मैदान में अमल करने की कोशिश की।

सुनील ने कहा कि पूल चरण में हमारा प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं था लेकिन हमें पता था कि क्वार्टर फाइनल हर हालत में जीतना है। हमने ब्रिटेन को हराया जिससे लय हासिल हुई और फिर नीदरलैंड जैसी बड़ी टीम को मात दी। नीदरलैंड के खिलाफ दो गोल से पिछड़ने के बाद भारत ने वापसी की और इसका श्रेय सुनील ने कोच ओल्टमेंस को दिया। उन्होंने कहा कि हाफटाइम तक हम दो गोल से पीछे थे और उस समय कोच ने खिलाड़ियों में जोश भरा। उन्होंने हमें अहसास दिलाया कि हमारे पास खोने को कुछ नहीं है और कोशिश करें तो हम जीत सकते हैं। हमने वही किया और नतीजा सभी के सामने है। मैं इस जीत का सौ फीसद श्रेय कोच को देना चाहूंगा।

सुनील ने हालांकि स्वीकार किया कि फारवर्ड पंक्ति को अपने प्रदर्शन में काफी सुधार करना होगा जो पूल चरण में ‘फिनिशिंग’ नहीं दे पाई थी। उन्होंने कहा कि शुरुआती मैचों में फारवर्ड पंक्ति में तालमेल कम दिखा जो हमें ठीक करना होगा। हमें बेसिक्स मसलन पेनल्टी कार्नर बनाना, बाल स्टापिंग, मौके भुनाना, सर्कल के भीतर बेहतर तालमेल पर काम करना होगा। अभी हमारे पास काफी समय है और उम्मीद है कि रियो ओलंपिक तक हम और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने यह भी कहा कि आम तौर पर दबाव के आगे घुटने टेकने वाला भारतीय डिफेंस काफी मजबूत हुआ है जो अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ अर्से में डिफेंस के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है जो बहुत अच्छी बात है। हमने इस टूर्नामेंट में ज्यादा पेनल्टी कार्नर नहीं दिए और हाफलाइन का संयोजन भी अच्छा था।

हाकी विश्व लीग फाइनल के तीसरे स्थान के मैच में नीदरलैंड पर पेनल्टी शूटआउट में जीत दर्ज करने को मुख्य कोच रोलैंड ओल्टमेंस ने रियो ओलंपिक खेलों से पहले टीम के मनोबल के लिए महत्त्वपूर्ण करार दिया। ओल्टमेंस ने कहा कि इस जीत से पता चलता है कि अगर हम जैसा खेलना चाहते हैं, उसी तरह का खेल दिखाएं तो अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इससे टीम का मनोबल बहुत बढ़ेगा क्योंकि पदक वाले मैचों में हम अब तक वास्तव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। पदक राउंड का मैच जीतना हमेशा खास होता है।

उन्होंने विशेष रूप से कप्तान सरदार सिंह और गोलकीपर पीआर श्रीजेश की तारीफ की जिन्होंने शूटआउट में शानदार बचाव करके भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। ओल्टमेंस ने कहा कि इन दोनों ने बहुत योगदान दिया। लेकिन अन्य खिलाड़ियों ने भी अच्छा खेल दिखाया। सबसे अहम बात यह रही है कि उन्होंने प्रत्येक मैच में अच्छी प्रगति की। यदि आप प्रत्येक मैच पर गौर करो तो हमने कुछ ऐसा किया जो सकारात्मक रहा। इस पर हम टीम को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन अब भी कुछ मसले हैं जैसे कि मैच के आखिरी क्षणों की कमजोरियां।

कप्तान सरदार ने कहा कि हमने 33 साल बाद पदक जीता। यह हमारे लिए बहुत मायने रखता है। हमने हर क्षेत्र में छोटी-छोटी चीजों पर काम किया और इसका नतीजा हालैंड के खिलाफ देखने को मिला। हम इस पदक का जश्न मनाएंगे और ओलंपिक पर ध्यान देंगे।

उधर, विश्व कप विजेता पूर्व कप्तान अजितपाल सिंह ने कहा कि भारत ने ग्रुप चरण में ‘दयनीय’ प्रदर्शन किया और वे भाग्यशाली रहे कि कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट का प्रारूप ऐसा है कि सभी आठ टीमें क्वार्टर फाइनल में जगह बनाएंगी। अगर आप लीग चरण में भारत के प्रदर्शन का आकलन करो तो जर्मनी के खिलाफ ड्रा को छोड़कर उनका प्रदर्शन दयनीय था। नाकआउट चरण में कुछ भी संभव है और भारत ने क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड को हराकर और फिर नीदरलैंड को हराकर अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि पदक सकारात्मक संकेत है लेकिन हमारी टीम को अगर अगले साल ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना है तो ज्यादा निरंतरता लानी होगी। हाकी विश्व लीग नया टूर्नामेंट है और इसकी तुलना विश्व कप या ओलंपिक से नहीं की जा सकती।