विशाखापट्टनम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए सीरीज के आखिरी एकदिवसीय मुकाबले में मैदान पर एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला। इस मैच में सभी भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी मां के नाम वाली जर्सी पहनी। इस पहल के जरिए भारतीय खिलाड़ियों ने पुरुषों के जीवन में महिलाओं के महत्व को रेखांकित किया और लोगों को उनके प्रति अपना नज़रिया बदलने का संदेश दिया।

इस मैच में हरियाणा रणजी टीम के खिलाड़ी जयंत यादव ने अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्णण किया। उन्हें हार्दिक पांड्या की जगह टीम में शामिल किया गया। घरेलु क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले इस दाहिने हाथ के आॅफ स्पिनर को भारत के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय वनडे टीम का कैप भेंट किया।

मैच शुरू होने से पहले जब दोनों टीमें नेशनल एंथम के लिए लाइन में खड़ी हुई तो भारतीय टीम के खिलाड़ियों की पीठ पर उनकी मांओं के नाम लिखे हुए थे और इस तरह टीम के सभी सदस्यों ने अपने जीवन में अपनी मां के योगदान को याद किया। इन खिलाड़ियों में एक नाम ऐसा भी था जो अपनी जर्सी पर अपनी मां के नाम के साथ एक और नाम चाहता था। वह खिलाड़ी थे डेब्यूटांट जयंत यादव। मैच शुरू होने से पहले बीसीसीआई के मानद कोषाध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर अनिरुद्ध चौधरी ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘जयंत की असली मां का नाम लक्ष्मी था, जिनका आज से 17 साल पहले एक प्लेन क्रैश में देहांत हो गया था। जयंत की जर्सी पर उनका ही नाम है। जयंत की स्टेप मदर ज्योती यादव ने उनका अपने सगे बेटे की तरह पालन पोषण किया। ज्योती ने जयंत को हर कदम पर सपोर्ट किया और उनके सपने को पूरा करने में उनकी हर संभव मदद की। जयंत को लक्ष्मी ने जन्म दिया और ज्योती ने उनका लालन पालन किया। जयंत दोनों को ही रिस्पेक्ट देना चाहते थे और इसलिए वो लक्ष्मी के साथ ज्योती का भी नाम जर्सी पर चाहते थे।’

भले ही जयंत ने इस मैच में लक्ष्मी के नाम वाली जर्सी पहनी लेकिन उन्होंने वनडे टीम में पदार्पण कर लक्ष्मी के साथ ज्योती को भी गौरवान्वित किया।मैच के बाद जयंद यादव से बातचीत करते हुए रविशास्त्री ने उनसे उनकी मां के बारे में पूछा तो वो भावुक हो गए। उन्होंने अपनी उपलब्धि के लिए लक्ष्मी के साथ ही ज्योती को भी उतना ही अहम माना।