सुरेश रैना (Suresh Raina) ने जब अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की तो सचिन तेंदुलकर ने उन्हें एक ऐसा मंत्र दिया जिसे वह कभी नहीं भूले। यहां तक कि उस मंत्र को टैटू के रूप में अपने हाथ पर गुदवा लिया था। भारतीय टीम के धुआंधार बल्लेबाज रहे रैना ने पेंग्विन से प्रकाशित अपनी जीवनी ‘बिलीव’ में खुद इसका खुलासा किया है। सुरेश रैना लिखते हैं कि जब वे बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स मैं प्रैक्टिस के लिए जाते थे तो सचिन अक्सर वहां मौजूद रहते थे और पूरी ट्रेनिंग सत्र के दौरान खिलाड़ियों के साथ समय बिताते थे।

ऐसे ही एक प्रैक्टिस सेशन के दौरान वे सुरेश रैना को किनारे ले गए और कहा, ”स्वयं पर भरोसा रखो, तुम कर सकते हो”। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन की इन दो बातों ने सुरेश रैना का नजरिया बदल दिया।

हर दिन दोहराते थे मंत्र: रैना लिखते हैं कि उस दिन के बाद से हर दिन प्रैक्टिस और एक्सरसाइज के दौरान सचिन यह बातें उनके सामने दोहराते थे। इसी दौरान मैंने इंग्लैंड के खिलाफ इंटरनेशनल वनडे मैच में 80 गेंद पर सैकड़ा जमाया और भारत ने मैच मैं जीत तो हासिल की ही, सीरीज भी 3-1 से अपने नाम कर लिया। मैं ‘मैन ऑफ द सीरीज’ चुना गया। इसके तुरंत बाद सचिन का मेरे पास मैसेज आया। इस मैसेज में भी वही लिखा था, ‘हमेशा खुदपर भरोसा रखो’।

सचिन ने दिया मंत्र, टैटू के रूप में गुदवा लिया: रैना लिखते हैं कि उन्हीं दिनों मेरा एक दोस्त टैटू बनवा रहा था। उसने मुझसे भी पूछा, लेकिन मेरी टैटू आदि में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। लेकिन मैंने 2014 में अपना पहला टैटू बनवाया था। मैंने अपनी दाहिनी बांह पर गुदवाया था, ‘बिलीव’। रैना लिखते हैं कि इस वक्त मैंने दो टैटू गुदवा रखे हैं, पत्नी और बच्चों के नाम के।

सचिन को देखते ही नर्वस हो गए थे: सुरेश रैना अपनी जीवनी में लिखते हैं कि जब उन्होंने पहली बार सचिन तेंदुलकर के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया था तो नर्वस हो गए थे। बकौल रैना, मुझे लगा कि मैं अचानक राहुल (राहुल द्रविड़) और पाजी (सचिन तेंदुलकर) के बीच फंस गया हूं। मैं इतना नर्वस था कि थोड़ी देर बाद जाकर धोनी और वेणुगोपाल राव के साथ कोने में बैठ गया।

‘मैं तुम्हारा फेवरेट खिलाड़ी क्यों नहीं हूं?’ रैना लिखते हैं कि इसी दौरान एक और घटना घटी। युवराज सिंह ने मुझे फंसा दिया। दरअसल, सभी युवा खिलाड़ियों को वरिष्ठ खिलाड़ियों के सामने अपना परिचय देना होता था। इसी क्रम में युवराज ने मुझसे पूछा कि मेरा पसंदीदा क्रिकेटर कौन है? मैंने बिना पलक झपकाए राहुल द्रविड़ का नाम ले लिया।

इसपर युवी यूं ही आसानी से मुझे छोड़ने वाले नहीं थे। उन्होंने पूछा राहुल द्रविड़? सचिन तेंदुलकर नहीं? मैं झेंप गया और शर्मा गया। थोड़ी देर बाद सचिन पाजी भी मुस्कुराने लगे। बाद में उन्होंने मुझे चिढ़ाते हुए क्या, ‘हां सुरेश, मैं तुम्हारा फेवरेट प्लेयर क्यों नहीं हूं?’