विश्वनाथन आनंद देश के सबसे कामयाब शतरंज खिलाड़ी हैं। वह पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन हैं और काफी सालों तक देश के नंबर खिलाड़ी भी रहे। आनंद ने इस खेल से काफी पैसा भी कमाया। आनंद ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि एक ऐसा समय था जब उन्हे टूर्नामेंट जीतने पर 8 रुपए का इनाम मिला था। इस इनाम को उन्होंने खुद पर ही खर्च किया।
आनंद को जीतने पर मिले थे 8 रुपए
आनंद ने अपने जूनियर दिनों को याद करते हुए कहा, ‘मुझे याद है कि एक बार मेरे शतरंज क्लब में एक छोटा टूर्नामेंट था और पहला पुरस्कार आठ रुपये था। इसलिए मैंने सोचा कि मैं खुद को खुश कर सकता हूं। मैंने (जीतकर) ये आठ रुपये लिए। शतरंज क्लब के ठीक पीछे एक होटल है, इसलिए मैं वहां गया और पूरा डोसा और सांभर खाया और थोड़ा जूस भी पिया। मैं अपनी पुरस्कार राशि से इसका भुगतान कर सकता था, इसलिए यह एक अच्छी बात थी।”
आनंद ने कहा, “उन दिनों (जब मैंने खेलना शुरू किया था) सबसे पहले, आपको यह जोड़ना होगा कि मुझे नहीं लगता कि अब किसी को भी ऐसे आंकड़े याद हैं। आप बॉम्बे में पांच रुपये में पूरा खाना खा सकते थे, यह वो समय था। इसलिए कीमतें तुलनीय थीं।”
विश्वनाथान आनंद की उपलब्धियां
विश्वनाथन आनंद ने कम ही उम्र में सफलता हासिल करना शुरू किया। उन्होंने 14 साल की उम्र में नेशनल सब-जूनियर लेवल पर जीत के साथ शुरू हुआ। साल 1984 में 16 साल की उम्र में उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप जीतकर सबको हैरान कर दिया। आनंद 18 साल की उम्र में ही ग्रैंडमास्टर बन गए थे। साल 2000 में पहली बार विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीते। वह ऐसा करने वाले देश के पहले खिलाड़ी थे। इसके बाद उन्होंने चार और बार यह कारनामा किया।
साल 1985 में उन्हें खेल के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने के लिए “अर्जुन अवार्ड” से सम्मानित किया गया था। साल 1991-92 में वह पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्हें “राजीव गांधी खेल रत्न” से सम्मानित किया गया।