पेरिस ओलंपिक से पहले भारतीय रेसलर्स की मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही हैं। वह रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और तदर्थ समिति के बीच पिसते जा रहे हैं। 21 दिसंबर को हुए चुनाव के बाद रेसलिंग फेडरेशन के नए पैनल का चयन हुआ। हालांकि दो दिन बाद ही खेल मंत्रालय इसे निलंबन कर दिया। मंत्रालय का कहना था कि फेडरेशन ने नियमों का पालन नहीं किया और फेडरेशन का काम देखने के लिए तीन सदस्यीय। संजय सिंह की अध्यक्षता वाले पैनल ने इस निलंबन को मानने से इनकार कर दिया।
WFI और तदर्थ समिति ने किया अलग-अलग चैंपियनशिप का ऐलान
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 29 से 31 जनवरी के बीच पुणे में नेशनल चैंपियनशिप के आयोजन का ऐलान किया था। संजय सिंह ने दावा किया था कि वह प्रदेश संघों ने कहा है कि पुणे में डब्ल्यूएफआई द्वारा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप कराये जाने पर वे टीमें भेजेंगे और जयपुर में नहीं भेजेंगे। वहीं बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा नियुक्त तदर्थ पैनल ने कहा कि उसके द्वारा कराये जाने वाले टूर्नामेंट को ही वास्तविक माना जायेगा। तदर्थ पैनल ने यह भी स्पष्ट किया कि उसके द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता से ही पहलवानों को ही ‘फायदा’ मिलेगा। बयान के मुताबिक जो खिलाड़ी इसमें हिस्सा नहीं लेंगे उन्हें सरकारी फायदे नहीं मिलेंगे।
पहलवान मुश्किल में
यह स्थिति पहलवानों के जी का जंजाल बन गई है। अगर वह रेसलिंग फेडरेशन की चैंपियनशिप में नहीं जाते हैं तो यूडब्ल्यूडब्लयू के टूर्नामेंट्स में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप जैसे अहम टूर्नामेंट्स के लिए डब्ल्यूएफआई ही खिलाड़ियों को भेजता है। वहीं आईओए ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खिलाड़ियों का नाम भेजता है। अब खिलाड़ी असमंजस में है कि वह किस चैंपियनशिप में हिस्सा लें।
पुणे जाना चाहते हैं पहलवान
एक महिला पहलवान ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘खेल अब एक मजाक बन चुका है। हम कहां जायें? पहलवानों और खेल के फायदे के लिए इस सारे फसाद को खत्म किया जाना चाहिए। ’’ हरियाणा में एक अखाड़े के पहलवानों ने कहा कि वे पुणे में डब्ल्यूएफआई द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। पहलवान ने कहा, ‘‘हम पुणे जायेंगे, हम जयपुर नहीं जा रहे हैं जहां तदर्थ पैनल राष्ट्रीय प्रतियोगिता करायेगा। ’’ तदर्थ पैनल जयपुर में दो से पांच फरवरी तक आरएसपीबी की मदद से राष्ट्रीय चैम्पियनशिप आयोजित करायेगा। दिलचस्प बात यह है कि आरएसपीबी के पूर्व सचिव प्रेम चंद लोचब ने हाल ही में हुए डब्ल्यूएफआई चुनावों में डब्ल्यूएफआई महासचिव का पद हासिल किया था।