शशांक नायर, मीहीर वासवाड़ा। भारतीय रेसलिंग फेडरेशन को गुरुवार को हुए चुनाव के बाद नया अध्यक्ष मिल गया। संजय सिंह ने कॉमनवेल्थ मेडलिस्ट अनीता श्योरण को 40-7 के अंतर से हराकर अध्यक्ष पद जीता। हालांकि चुनाव में खड़े एक और बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन लाल उपाध्यक्ष का चुनाव हार गए। चुनाव के फौरन बाद संजय सिंह ने मीटिंग करके रेसलिंग के भविष्य को लेकर चर्चा शुरू की और साफ कहा कि यह जीत उनकी नहीं पहलवानों की है।
मध्यप्रदेश के सीएम को मिली हार
मध्यप्रदेश रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष मोहन यादव ने विधानसभा चुनाव से कई महीने पहले इस पद के लिए नॉमिनेशन भरा था। वह गुरुवार को वोट देने नहीं पहुंचे। उन्हें केवल पांच ही वोट मिले। दिल्ली के जय प्रकाश (37 वोट), पश्चिम बंगाल के असित कुमार साहा (42), पंजाब के करतार सिंह (44)और मनीपुर के एन फोनी (38 वोट) को जीत मिली। यह सभी बृजभूषण सिंह के समर्थक हैं।
दो पदों पर बृजभूषण के समर्थकों को मिली जीत
बृजभूषण सिंह के समर्थक आईडी नानावटी सीनियर उपाध्यक्ष पद का चुनाव 32-15 से हारे। धरना देने वाले पहलवानों के करीबी माने जा रहे देवेंद्र सिंह कादियान इस पद पर नजर आएंगे। वहीं सेकेटरी जनरल की पोस्ट पर भी बृजभूषण के समर्थक चंड़ीगढ़ के दर्शन लाल को हार मिली। दर्शन रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड के सचिव प्रेम चंद लोचब से हारे। लोचब को भी अनीता श्योरण और धरना दे रहे पहलवानों का समर्थन हासिल था। इस के बावजूद पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण ने कहा कि उनका पूरा पैनल जीता है। जो भी चुनाव जीता है उनके वोट से ही जीता है।
संजय सिंह को था जीत का यकीन
रेसलिंग फेडरेशन के नए अध्यक्ष संजय सिंह पहले से ही अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘चुनाव पहले दिन से हमारे हाथ में था। वोटिंग हुई और वही हुआ जो होना था। हमे इसका यकीन था। पहलवान जानते हैं यह उनकी भलाई के लिए है। 11 महीने से कुछ नहीं हुआ। सबकुछ बंद था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।’
चुनाव के बाद लिया पहला फैसला
संजय सिंह ने चुनाव जीतते ही काम शुरू किया और अंडर-15 और अंडर-20 के नेशनल्स की घोषणा की जो कि 28 दिसंबर से गोंडा में होने हैं। उन्होंने धरना करने वाले पहलवानों पर भी बयान दिया और कहा कि जो भी रेसलिंग में अच्छा करता है वह उसका स्वागत करेंगे। उन्हें किसी से कोई परेशानी नहीं है। जीत के मौके पर संजय ने बृजभूषण से करीबी रिश्तों को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा पूर्व अध्यक्ष उनके लिए बड़े भाई जैसे हैं। वह सालों से एक-दूसरे को जानते हैं। वह मिलकर काशी और अयोध्या में कुश्ती का आयोजन कराते थे।