पहलवान नरसिंह यादव के डोप टेस्ट में फंसने के बाद उनकी जगह परवीन राणा को रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए भेजा जाएगा। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की तरफ से राणा के नाम की घोषणा के बाद खेल मंत्रालय ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। केन्द्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि नरसिंह यादव की जगह किसी और भेजे जाने पर सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने कहा, ”अगर किसी एंटी-डोपिंग पैनल ने किसी खिलाड़ी को शुरुआती तौर पर निलंबित कर दिया है और आखिरी रिपोर्ट आ चुकी है, तो ऐसी स्थिति में किसी खिलाड़ी का सबस्टीट्यूट नहीं भेजा जा सकता।” गोयल ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अगर मूल खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल हो गया है तो उसकी जगह किसी और को दी जा सकती है। उन्होंने कहा, ”मैंने अपनी राय नियमों के दायरे में रखी है, इसके बावजूद अगर कोई खिलाड़ी बिना इजाजत जाता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।”
इससे पहले, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने राणा को रियो भेजने के फैसले पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था, ”19 जुलाई को मामला सामने आया। हमने FILA (United World Wrestling) को लिखा। हमने उन्हें हालात से रूबरू कराया और एक और मौका देने को कहा। हमने साफ कहा कि सरकार भी इस मसले पर गंभीर है। नरसिंह ने साजिश की आशंका जताई है और मुझे भी यही लगता है। अच्छी बात यह थी कि United World Wrestling (UWW) ने हमें 25 जुलाई तक का समय दे दिया। 25 को उन्होंने हमसे संपर्क किया और कहा कि यह आखिरी मौका है, आप नाम बदल दीजिए। हमसे कहा गया था कि अगर आप नरसिंह की जगह किसी और को नहीं भेजते तो भारत का कोटा वैध नहीं रह जाएगा, भारत की जगह किसी और देश को दे दी जाएगी।” सिंह ने कहा कि ”हम और इंतजार नहीं कर सके। हमनें मुख्य कोच की सलाह पर परवीन राणा का नाम भेज दिया।
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दूसरी तरफ, डोप टेस्ट में फंसे नरसिंह साजिश की बात पर डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिस शख्स ने उनके खाने में प्रतिबंधित पदार्थ मिलाया था, उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। यादव ने कहा, ”मैंने उस आदमी को पहचान लिया है और शिकायत भी दर्ज करा दी है।”
