वीरेंद्र सहवाग क्रिकेट पिच पर हर गेंद को ठुकाई के लिए आतुर बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते थे लेकिन हाल ही भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज रक्षात्मक नजर आए। हुआ यूं कि मंगलवार (18 जुलाई) को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया ने उनसे भारतीय क्रिकेट टीम के कोच विवाद से जुड़ा सवाल पूछ लिया। सहवाग को कुछ बोलते नहीं बना और उन्होंने साफ कह दिया कि उनसे केवल कार्यक्रम से जुड़े सवाल पूछे जाएं। रवि शास्त्री के कोच चुने जाने से पहले वीरेंद्र सहवाग को भारतीय टीम के कोच बनने की दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा था। भारतीय क्रिकेट टीम का कोच क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने चुना है। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण सीएसी के सदस्य हैं। सीएसी ने जिन पांच लोगों का कोच पद के लिए इंटरव्यू लिया था उनमें सहवाग और शास्त्री के अलावा ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी और भारत के लालचंद राजपूत और डोडा गणेश भी शामिल थे।
सहवाग ट्विटर पर भी लगातार चुटीली टिप्पणियां करते रहते हैं। लेकिन मंगलवार को जब उनसे पूछा गया क्या इंटरव्यू के दौरान उनसे अलग बल्लेबाजी और गेंदबाजी कोच के बारे में बताया गया था तो सहवाग ने कहा, “मैं केवल उम्मीद इंडिया (कार्यक्रम का नाम) से जुड़े सवालों का जवाब दूंगा। धन्यवाद।” कार्यक्रम में सहवाग ने “उम्मीद इंडिया” में विश्व स्तरीय चैंपियनशिप और ओलंपिक की तैयारी करने वाले भारतीय खिलाड़ियों के सामने आने वाली दिक्कतों के बारे में बात की।
जब सहवाग से पूछा गया कि उन्हें क्रिकेटर बनने में क्या दिक्कत आई तो उन्होंने दो टुक शब्दों में कह दिया कि दिल्ली में उनके लिए सभी सुविधाएं मौजूद थीं। सहवाग ने कहा कि दूसरे खिलाड़ियों के सामने उनका संघर्ष कुछ नहीं था। सहवाग ने कहा कि दिल्ली में हजारों क्रिकेट अकादमियां और अन्य जरूरी उपकरण हैं इसलिए क्रिकेटरों के सामने वैसी चुनौती नहीं होती। कार्यक्रम में सहवाग के अलावा ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और नौकाधावक दत्तु भोकानाल भी शामिल थे।

