Simon Taufel one of the best umpires in the history of cricket: क्रिकेट की बात होते ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजों का जिक्र होना लाजमी है। फैंस भी अपने पसंदीदा क्रिकेटर को बल्ले से रन बरसाते देखना चाहते हैं। ऑस्ट्रेलिया के साइमन टॉफेल अपने समय के सबसे शानदार अंपायरों में से एक थे। साइमन टॉफेल ने साल 1999 से लेकर 2012 तक क्रिकेट के मैदान पर अंपायरिंग की है। इस दौरान उन्होंने पांच बार आईसीसी अंपायर ऑफ द ईयर का खिताब भी जीता है। अंपायरिंग को छोड़ने के बाद टॉफेल ने अब अपनी एक किताब ‘Finding the Gaps’ लिखी है। इस किताब में उन्होंने कई बातों का जिक्र किया है। इसके साथ एक इंटरव्यू के दौरान टॉफेल ने बताया कि मैदान पर अंपायरिंग करते समय ऐसे कौन से बल्लेबाज थे जिनसे अंपायरों को भी मैदान पर खतरा रहता था।
साइमन टॉफेल ने ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ रैपिड राउंड इंटरव्यू किया। इस दौरान उनसे पूछा गया कि उनके समय में ऐसे कौन से बल्लेबाज थे, जिन्हें फेस करना उनके लिए मुश्किल रहा। टॉफेल ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वेस्टइंडीज के दिग्गज ओपनर क्रिस गेल, भारत के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई ओपनर डेविड वार्नर ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिनके सामने अंपायरिंग करने में अंपायरों को भी डर लगता था।
74 टेस्ट मैच, 174 वनडे इंटरनेशनल मैच और 34 टी20 मैच अंपायरिंग करने वाले साइमन टॉफेल से अनुशासन प्रिय खिलाड़ी के बारे में भी पूछा गया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान मार्क वॉ और भारतीय दिग्गज राहुल द्रविड़ इस मामले में सबसे आगे रहे। उन्होंने भारतीय टीम के मैचों के दौरान अंपायरिंग करते हुए कुछ हिंदी शब्दों को सीखा भी था।
टॉफेल ने अंपायरिंग करते दो हिंदी शब्द सीखे, जो ‘बस-बस’ और ‘थोड़ा-थोड़ा’ थे। बता दें कि क्रिस गेल, डेविड वॉर्नर और वीरेंद्र सहवाग तीनों ही खिलाड़ी अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते रहे हैं। भारतीय टीम की ओर से खेलते हुए सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक जड़ा है। सहवाग ऐसा कारनामा करने वाले भारत के पहले बल्लेबाज हैं।