वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रेयस अय्यर की शानदार फार्म से कप्तान विराट कोहली भी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला की तरह अगर मुंबई का यह बल्लेबाज आगे भी जिम्मेदारी उठाना जारी रखता है तो मध्यक्रम में नियमित जगह बना सकता है। कोहली के लगातार दो शतक से भारत ने तीन मैचों की श्रृंखला 2-0 से जीती। अय्यर ने भी अंतिम दो मैचों में 71 और 65 रन की उम्दा पारियां खेली और कप्तान के साथ क्रमश: 125 और 120 रन की साझेदारियां की। कोहली ने कहा कि अय्यर को देखकर मुझे अपने शुरुआती दिनों की याद आती है।
तीसरे और अंतिम वनडे में बुधवार को भारत की डकवर्थ लुईस पद्धति से छह विकेट की जीत के बाद कोहली ने कहा, ‘‘दोनों बार वह मेरे साथ बल्लेबाजी कर रहा था। मैं कुछ समय से खेल रहा था और वह बिलकुल भी नहीं घबराया, वह काफी आश्वस्त था, उसे अपने खेल पर यकीन था। कभी भी नहीं लगा कि वह आउट होने वाला है, यह देखना शानदार था।’’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘उसने स्थिति के अनुसार बल्लेबाजी करते हुए अपने लिए भूमिका तैयार की है। उम्मीद करता है कि वह इसे आगे बढ़ाएगा और टीम के लिए इसी तरह प्रदर्शन करता रहेगा। वह मजबूत दावेदार और मध्यक्रम का नियमित सदस्य हो सकता है।’’
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भारत अपने मध्यक्रम को लेकर पिछले कुछ समय से परेशान रहा है और धैर्य के साथ दबाव से निपटने की 24 साल के अय्यर की क्षमता इस समस्या का हल हो सकती है। तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में यहां 99 गेंद में नाबाद 114 रन की पारी खेलने वाले कोहली ने कहा, ‘‘हम थोड़ा दबाव में थे लेकिन उसकी (अय्यर की) पारी मैच का रुख बदलने वाली साबित हुई। मुझे लगता है कि श्रेयस जिस तरह खेला उसने मेरे ऊपर से सारा दबाव हटा दिया और मैं अपना स्वाभाविक खेल दिखा पाया और एक छोर से गेंद को नियंत्रित कर पाया।’’
आती है शुरुआती दिनों की यादः उन्होंने कहा, ‘‘वह इन हालात में प्रदर्शन करने की उपयोगिता को समझता है। इससे उसका मनोबल बढ़ेगा।’’कोहली ने कहा कि अय्यर उन्हें भारतीय टीम में उनके शुरुआती दिनों की याद दिलाते हैं। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘जब मैं टीम में आया तो मैं भी ऐसा ही था- मौका मिलने पर मैं अपनी टीम के लिए मैच जीतना चाहता था और स्थिति के अनुसार खेलना चाहता था। आपको जोखिम लेने होंगे, उसने दबाव की स्थिति में साहस दिखाया।