विराट कोहली पिछले कुछ साल में बाएं हाथ के स्पिनर के खिलाफ सफल नहीं हो पाए हैं और अपना विकेट गंवा देते हैं। साल 2020 से कोहली ने बाएं हाथ के स्पिनर के खिलाफ 25 टेस्ट पारियों में 30.2 की औसत के साथ 272 रन बनाए हैं। इससे पहले कोहली का रिकॉर्ड बाएं हाथ के स्पिनर के खिलाफ शानदार था और उन्होंने 110.7 की औसत के साथ 53 टेस्ट पारियों में 775 रन बनाए थे।

यहां बाएं हाथ के स्पिनर का जिक्र इस वजह से जरूरी है कि बांग्लादेश के खिलाफ शाकिब अल हसन और तैजुल इस्लाम के रूप में दो बेहतरीन बाएं हाथ के स्पिनर हैं जो कोहली के खिलाफ घातक साबित हो सकते हैं। जाहिर है विरोधी टीम कोहली के इस कमजोरी का फायदा उठाने की कोशिश जरूर करेगी।

कोहली को अपनी कमजोरी करनी होगी दूर

बाएं हाथ के स्पिनर के खिलाफ संघर्ष कर रहे विराट कोहली के बारे में बात करते हुए पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने इन साइडस्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा कि कोहली इन चुनौतियों से पार पा सकते हैं क्योंकि उन्होंने इतने लंबे समय तक इंटरनेशनल क्रिेकेट खेला है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोहली अपने खेल को विकसित करेंगे और अपनी इस कमी को दूर भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जब आप विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों की बात करते हैं तो वो एक दशक से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके हैं। ऐसा समय आएगा जब अलग-अलग चुनौतियां होंगी और आपको खुद को अपग्रेड करना होगा।

प्रज्ञान ओझा ने आगे कहा कि कोहली ने इतना ऊंचा मानक स्थापित किया है कि अर्धशतक भी उन्हें असफलता जैसा लगता है। उन्होंने कोहली की कार्यशैली की भी प्रशंसा की और दावा किया कि यह केवल समय की बात है कि वह अपनी कमजोरी पर काबू पा लेंगे। भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर ने कहा कि महान खिलाड़ियों के सामने चुनौतियां आती हैं और वे उनसे पार पाते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि विराट ऐसा करेंगे और यह केवल समय की बात है। विराट ने मानक इतना ऊंचा स्थापित किया है कि 50 या 60 रन भी उनके लिए असफलता जैसा लगता है। उन्होंने भारतीय टीम में इसी तरह योगदान दिया है। हालांकि उन्हें संकेत दिया कि अगर कोहली ने अपनी इस कमी पर काबू नहीं पाया तो उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ जूझना पड़ सकता है।