आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम नॉकआउट दौर तक पहुंचने में सफल रही। सेमीफाइनल में उसे न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा। सेमीफाइनल से पहले यानी राउंड रॉबिन लीग में टीम इंडिया में टॉप पर रही थी। उसने 8 में से सिर्फ एक मैच हारा था। बारिश के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाला मुकाबला रद्द हो गया था। इतनी शानदार फॉर्म में होने के बावजूद आखिर कहां चूक हुई, जिससे टीम इंडिया का वर्ल्ड चैम्पियन बनने का समना अधूरा रह गया। यदि भारतीय टीम के मुकाबलों पर नजर डालें तो साफ समझ में आता है कि जिस भी मैच में उसके शुरुआती 3 बल्लेबाजों में से कोई भी एक अच्छा स्कोर बनाने में सफल रहा तो नतीजा उसके पक्ष में रहा। सेमीफाइनल में ऐसा नहीं हुआ और उसे वर्ल्ड कप से बाहर का रास्ता देखना पड़ा। टीम इंडिया की यह हालत तब है उसके दो बल्लेबाज (रोहित शर्मा और विराट कोहली) और दो गेंदबाज (जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी) टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने और विकेट लेने वालों की सूची में टॉपव-10 में शामिल हैं।
भारत की नाकामी का एक और कारण जो दिख रहा है वह यह कि उसके स्टार बल्लेबाजों का नॉकआउट मुकाबलों में फ्लाप हो जाना। यदि वर्ल्ड कप में कम से कम 3 नॉकआउट मैच खेलने को पैमाना मानें तो आंकड़े बताते हैं कि ऐसे मुकाबलों में कप्तान विराट कोहली का बल्ला अक्सर खामोश ही रहता है। उन्होंने अब तक वर्ल्ड कप में 6 नॉकआउट मुकाबलों में बल्लेबाजी की। इसमें 12.16 के औसत से कुल 35 रन बनाए हैं। इस दौरान वे सिर्फ दो बार दहाई का आंकड़ा पार कर पाए। चार बार वे 10 रन के कम के स्कोर पर पवेलियन लौटे। टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हजार रन का आंकड़ा छूने वाले सुनीन गावस्कर की गिनती भी वर्ल्ड कप नॉकआउट मुकाबलों के असफल बल्लेबाजों में की जाती है। उन्होंने 1983 से 1987 के दौरान वर्ल्ड कप के 3 नॉकआउट मुकाबलों में सिर्फ 31 रन बनाए। इसमें वे सिर्फ एक बार 25 रन बना पाए। अन्य दोनों बार उनका स्कोर 10 रन से कम रहा।
वर्ल्ड कप के नॉकआउट मुकाबलों में अच्छा स्कोर करने वाले भारतीय बल्लेबाजों की बात करें तो उसमें सुरेश रैना नंबर एक पर हैं। रैना ने 5 मैच की 4 पारियों में 71 के औसत से 142 रन बनाए हैं। उनके बाद गौतम गंभीर का नंबर आता है। गंभीर ने वर्ल्ड कप नॉकआउट के 3 मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 58 के औसत से 174 रन बनाए थे। तीसरे नंबर पर इस सेमीफाइनल में 77 रन की पारी खेलने वाले रविंद्र जडेजा हैं। जडेजा ने भी 58 के औसत से 3 मैच में 116 रन बनाए हैं। हालांकि, ओवरऑल बात करें तो सौरव गांगुली ने 2 नॉकआउट मैच में 135 के औसत से 135 रन बनाए थे। संदीप पाटिल ने भी 2 मैच में 78 के औसत से 78 रन बनाए थे।