भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल नहीं मिलेगा। कोर्ट ऑफ एट्रिब्यूशन फॉर स्पोर्ट्स ने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के खिलाफ विनेश की अपील को खारिज कर दिया है। भारतीय ओलंपिक संघ ने इस फैसले की पुष्टी की है। विनेश के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प अभी भी है।
पीटी उषा ने जताई निराशा
भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉक्टर पीटी उषा ने इस फैसले पर हैरानी और निराशा जताई है। उन्होंने बयान में कहा, ‘पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग में जॉइंट सिल्वर मेडल दिए जाने के विनेश के आवेदन को खारिज करने वाले 14 अगस्त के फैसले का प्रभावी हिस्सा विशेष रूप से उनके लिए और बड़े पैमाने पर खेल कम्युनिटी के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखता है.’
फाइनल में पहुंच गई थीं विनेश
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट ने 50 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा लिया था। वर्ल्ड चैंपियन युई सुसाकी और इसके बाद दो और पहलवानों को हराकर विनेश ने फाइनल में जगह पक्की की थी। फाइनल में पहुंचते ही भारत का सिल्वर मेडल पक्के हो गए थे। हालांकि फाइनल मैच की सुबह विनेश का वजन तय मानक से 100 ग्राम ज्यादा था। इसी कारण उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था।
विनेश की अपील हुई खारिज
विनेश ने पहले गोल्ड मेडल मैच खेलने की अपील दायर की थी जिसे सीएएस ने उसी समय खारिज कर दिया था। विनेश की जगह उनसे सेमीफाइनल मैच हारने वाली महिला खिलाड़ी फाइनल में उतरी थीं। इसके बाद विनेश ने संयुक्त सिल्वर देने की मांग की थी। पहले इसका फैसला 13 अगस्त को आना था। हालांकि फैसले को टाल दिया गया। बुधवार को सीएएस ने विनेश फोगाट के खिलाफ फैसला सुनाया।
विनेश के लिए यह कानूनी लड़ाई लड़ने का काम फ्रांस के वकील जोएल मोनलुइस, एस्टेले इवानोवा, हैबिन एस्टेले किम और चार्ल्स एमसन निभा रहे थे। उन्होंने ही आवेदन दाखिल करने के दौरान उनकी और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की मदद की। इन वकीलों की मदद के लिए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया को जोड़ा गया था।