भारतीय रेसलर साक्षी मलिक इन दिनों अपनी किताब ‘विटनेस’ को लेकर चर्चा में है। इस किताब में साक्षी ने अपने जिंदगी के उतार-चढ़ाव के बारे में लिखा है। साक्षी ने इसी किताब के बारे में दिए गए इंटरव्यू में अपने साथियों के बारे में कुछ ऐसे बातें कही जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। साक्षी के आरोपों के बाद विनेश फोगाट ने इंस्टाग्राम पर स्टोरी डाली है जिसे उनके ही साथ जोड़ कर देखा जा रहा है।
साक्षी, बजरंग और विनेश ने किया था धरना
बीते साल रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ पहलवानों ने धरना दिया था। इस धरने की अगुवाई बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने की थी। तीनों एक-दूसरे को संघर्ष का साथी बताते आए। पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद विनेश फोगाट ने कांग्रेस पार्टी का दामन थामा और विधानसभा चुनाव लड़ी। वहीं बजरंग भी पार्टी में शामिल हुए। साक्षी मलिक ने आरोप लगाया कि दोनों के मन में लालच आ गया।
विनेश फोगाट का पलटवार?
उनके इस इंटरव्यू के कुछ समय बाद ही विनेश फोगाट ने इंस्टाग्राम पर स्टोरी लगाई। इस स्टोरी में लिखा, ‘आप हर जो चीज सुनते हैं उसपर ध्यान न दें। हर कहानी के तीन पक्ष होते हैं। आपका, उनका और सच।’ उन्होंने किसी का नाम नहीं लिखा लेकिन साक्षी के बयान के बाद सभी इस पोस्ट को साक्षी मलिक से ही जोड़ कर देख रहे हैं।
विनेश फोगाट से जब पूछा गया कि क्या लड़ाई कमजोर हुई है तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा, ‘वह साक्षी को निजी विचार है, मैं ऐसा नहीं मानती। जब तक में कमजोर नहीं हूं तब तक लड़ाई कमजोर नहीं पड़ सकती। जब तक साक्षी, विनेश और बजरंग जिंदा है लड़ाई कमजोर नहीं पड़ सकती।’
धरने के बाद होने वाले एशियन गेम्स में बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को ट्रायल्स में छूट गई थी। साक्षी मलिक का कहना है कि विनेश और बजरंग पूनिया ने लालच में आकर छूट ली और उसका नुकसान उठाया।
साक्षी मलिक के आरोप
साक्षी ने पत्रकार जोनाथन सेल्वराज के साथ मिलकर लिखी गई किताब में लिखा है, “स्वार्थी सोच का पुराना तरीका फिर हावी हो रहा था। बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनका दिमाग में लालच भरने शुरू कर दिया था। अब वे खेलों के ट्रायल से छूट की बात कर रहे थे। “बजरंग और विनेश के छूट लेने के फैसले से कुछ भी अच्छा नहीं हुआ…उनके फैसले ने हमारे प्रदर्शन की छवि को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया। इसने हमें ऐसी स्थिति में डाल दिया, जहां कई समर्थकों को लगने लगा कि हम वास्तव में मतलबी कारणों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे ”
