नितिन शर्मा। भारतीय रेसलर विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से जब अपने गांव बलाली पहुंची तो उन्होंने यह इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि वह यह चाहती हैं कि बलाली से और महिला रेसलर्स निकले जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करे। उनके इस बयान के कुछ दिन बाद ही बलाली की 17 साल की नेहा ने अंडर 17 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।

नेहा जापान की रेसलर को हराकर जीता गोल्ड

16 साल की नेहा सांगवान ने 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल में जापान की सो सुसुाई को 10-0 से मात दी। नेहा ने अपना टाइटल विनेश फोगाट को समर्पित किया और बताया कि इस मेडल के उनके लिए क्या मायने हैं।

विनेश फोगाट से प्रेरित हैं नेहा सांगवान

नेहा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘मेरे लिए यह बड़ी बात है। यह टाइटल विनेश दीदी और महिला रेसलर्स के लिए है। विनेश दीदी हम सभी के प्रेरणा है। यह टाइटल बलाली गांव और देश के बाकी गांव की महिला रेसलर्स को प्रेरित करेगा।’ नेहा ने विनेश के बारे में कहा, ‘विनेश दीदी जहां तक पहुंची है हमारे गांव से किसी और ने वह सफलता हासिल नहीं की है। हमारे लिए वह गोल्ड मेडल उन्हीं का था। हमने उनको भी यही कहा। हम उनके जैसा थोड़ा बहुत भी कुछ कर पाएं तो हमारे लिए बहुत बड़ी बात होगी।’

विनेश फोगाट से मिली थी नेहा

नेहा के पिता अमित कुमार ने विनेश फोगाट के बलाली में दिए भाषण के कुछ दिन बाद ही उनकी बेटी ने देश के लिए मेडल जीता। अमित ने बताया कि पिछले हफ्ते जब विनेश बलाली लौटीं थी तो वह और उनकी बेटी स्टार रेसलर से मिले थे। अमित सांगवान ने कहा, ‘नेहा पूरे दोपहर नोटों की माला लेकर विनेश का इंतजार कर रही थी। जब वह स्टेज पर गई तो विनेश ने उससे कहा कि उनका सपना नेहा जैसी लड़कियों को ही पूरा करना है। नेहा की सफलता ने विनेश को बहुत खुश कर दिया है। यह बलाली गांव के लिए खास मौका है।’

नेहा भी महावीर फोगाट की अकेडमी से ट्रेन हुई है। जब वह हरियाणा की स्टेट चैंपियन बनी तो उन्होंने कोच बदले। वह फिलहाल कृष्णन अखाड़ा में साजन सिंह मंडोला के साथ ट्रेनिंग करती है।