विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) 2020-21 के दूसरे क्वार्टर फाइनल में कर्नाटक ने केरल को 80 रन से हरा दिया। कर्नाटक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम बनी। उसकी इस जीत में कप्तान रविकुमार समर्थ (Ravikumar Samarth), देवदत्त पडिक्कल (Devdutt Padikkal) के शानदार शतकों के अलावा रोनित मोरे (Ronit More) की कातिलाना गेंदबाजी ने भी अहम भूमिका निभाई।
रोनित मोरे ने 9 ओवर में 36 रन देकर 5 विकेट झटके। उनका यह प्रदर्शन इसलिए और खास है क्योंकि 18 फरवरी को आईपीएल 2021 के लिए हुई नीलामी में उनके नाम पर किसी भी फ्रैंचाइजी ने विचार नहीं किया था। उनका बेस प्राइस 20 लाख रुपए था। हालांकि, रोनित मोरे का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में डेब्यू हो चुका है। दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने 2015 में कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) की ओर से दो मैच में हिस्सा लिया था। उसमें उन्होंने एक विकेट लिया था।
दिल्ली के पालम ए स्टेडियम में खेले गए इस मैच में केरल ने टॉस जीता और गेंदबाजी का फैसला किया। कर्नाटक ने रविकुमार समर्थ (192 रन, 158 गेंद, 22 चौके, 3 छक्के), देवदत्त पडिक्कल (101 रन, 119 गेंद, 10 चौके, 2 छक्के) और मनीष पांडे (नाबाद 34 रन, 20 गेंद, एक चौका, 2 छक्के) की मदद से 50 ओवर में 3 विकेट पर 338 रन बनाए। रविकुमार समर्थ का यह लगातार दूसरा शतक है। इससे पहले उन्होंने रेलवे के खिलाफ 130 रन की नाबाद पारी खेली थी। लक्ष्य का पीछा करने उतरी केरल की टीम 43.4 ओवर में 258 रन पर ऑलआउट हो गई।
केरल की शुरुआत खराब रही। उसने 15 रन के स्कोर पर 2 विकेट गंवा दिए थे। पिछले मैच में ताबड़तोड़ अर्धशतक लगाने वाले रॉबिन उथप्पा 2 रन ही बना पाए। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए रोहन कुन्नूमल खाता भी नहीं खोल पाए। इसके बाद विष्णु विनोद और वत्सल गोविंद के साथ मिलकर स्कोर को 50 के पार पहुंचाया। हालांकि, जब टीम का स्कोर 52 रन था, तब वह भी आउट हो गए। विष्णु विनोद ने 28 रन बनाए।
कप्तान सचिन बेबी ने वत्सल के साथ मिलकर टीम के स्कोर को 100 के पार पहुंचाया। हालांकि, वह लंबी पारी नहीं खेल पाए और 27 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए। वत्सल ने इसके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ मिलकर 92 रन की साझेदारी की। अजहरुद्दीन पांचवे विकेट के रूप में पवेलियन लौटे। उन्होंने 34 गेंद में 5 चौके और 2 छक्के की मदद से 52 रन बनाए। वह जब आउट हुए तब टीम का स्कोर 33.2 ओवर में 203 रन था। हालांकि, इसके बाद कोई भी खिलाड़ी टिक कर बल्लेबाजी नहीं कर पाया और पूरी टीम 258 रन पर ढेर हो गई।
