तारीख-6 मार्च 2016। टूर्नामेंट-एशिया कप फाइनल, बांग्लादेश बनाम भारत। जगह-शेरे-बांग्ला स्टेडियम मीरपुर। टारगेट 121 रन। बारिश के कारण मैच 15 ओवर का कर दिया गया था। 13वां ओवर शुरू होने से पहले भारत का स्कोर था 102/2 रन। जीतने के लिए चाहिए थे 12 गेंदों में 19 रन। क्रीज पर थे महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली। शिखर धवन 60 रन बनाकर पवेलियन लौट चुके थे। 13वां ओवर डालने आए अल-अमीन। उन्होंने जैसे ही इस ओवर की पहली गेंद फेंकी, धोनी ने उस पर करारा छक्का जड़ दिया। गेंद तो सीमा पार गिरी, लेकिन हजारों बांग्लादेशी फैन्स का कलेजा मुंह को आ गया। आंखों के सामने हार साफ दिखने लगी और भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। दूसरी बॉल पर धोनी ने एक सिंगल लिया और स्ट्राइक आई कोहली के पास। टारगेट-10 गेंदों में 12 रन। तीसरी बॉल अमीन ने कोहली को फेंकी, जिस पर उन्होंने स्ट्रेट ड्राइव खेल दिया। एक बार को लगा कि गेंद पर चौका लग जाएगा, लेकिन बांग्लादेशी फील्डरों ने उसे रोक लिया। लेकिन वापस थ्रो में गेंद विकेट पर लगी और भारतीय खिलाड़ियों ने 3 रन और चुरा लिए।
कैमरों पर बार-बार दिखाए जा रहे बांग्लादेशी फैन्स के चेहरों पर मायूसी साफ देखी जा सकती थी। कोई प्रार्थना करता दिखा, कोई रोता हुआ और किसी-किसी को अब भी उम्मीद थी कि कोई चमत्कार हो जाएगा और उनकी टीम जीत जाएगी। चौथी गेंद पर धोनी ने फिर एक बार करारा चौका जड़ दिया और कई फैन्स स्टेडियम के बाहर जाते दिखाई देने लगे। भारतीय खेमा एक बार फिर खुशी से उमड़ उठा। वहीं बांग्लादेशी टीम के खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को कोसते साफ नजर आए और फैन्स शायद किस्मत को।
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अब टारगेट था 8 गेंदों पर 5 रन और जैसे ही 13 वें ओवर की पांचवी गेंद पर महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का लगाया, हजारों बांग्लादेशी फैन्स हार के दर्द से कराह उठे। ये दर्द था एशिया का बादशाह बनने का सपना टूटने का। बहुत मेहनत कर टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे बांग्लादेश के खिलाड़ियों को भी इस हार की चोट को बर्दाश्त करने में मुश्किल हो रही थी। भारत 8 विकेटों से टूर्नामेंट जीत चुका था। बांग्लादेशी फैन्स के हाथों के झंडे जो अब तक खुलकर लहरा रहे थे, वे अब मायूस थे। सीटों पर बैठे फैन्स अपनी हार का मातम मना रहे थे। कई लोग उन्हें सांत्वना देते भी नजर आए। ये वो पल था जब महेंद्र सिंह धोनी ने पूरे बांग्लादेश को रुला दिया था।
