भारत और पाकिस्तान के बीच 2004 का मुल्तान टेस्ट तो सभी को याद होगा। इस मैच में वीरेंद्र सहवाग 300 रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस मैच में सचिन तेंडुलकर तत्कालीन कप्तान राहुल द्रविड़ के एक फैसले पर भौचक्के रह गए थे, जिसे लेकर बाद में काफी सवाल खड़े किए गए थे। इसे क्रिकेट इतिहास के सबसे विवादित फैसलों में से एक माना जाता है। भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी। 28 मार्च से 1 अप्रैल 2004 के पहला टेस्ट मुल्तान में खेला गया था। वीरेंद्र सहवाग ने इस मैच में ताबड़तोड़ 309 रन बनाए थे। मैच पर भारत की पकड़ मजबूत थी। सचिन तेंडुलकर भी अपने दोहरे शतक से महज 6 रन दूर थे। लेकिन युवराज सिंह का विकेट गिरने के बाद राहुल द्रविड़ ने 675/5 पर अचानक पारी घोषित कर दी। राहुल का यह फैसला देख सचिन भी भौचक्के रह गए थे। एक पल को सचिन को विश्वास भी नहीं हुआ था कि राहुल ने पारी घोषित करने का फैसला लिया है। फैन्स भी हैरान थे। उस वक्त यह भी कहा जा रहा था कि सचिन राहुल द्रविड़ के इस फैसले पर खासे नाराज थे।

उस वक्त सचिन ने इस बारे में कुछ नहीं कहा, लेकिन साल 2014 में अपनी अॉटोबायोग्राफी प्लेइंग इट माय वे में सचिन ने लिखा कि वह इस फैसले के कारण दुखी थे, क्योंकि मैच के दौरान समय था और वह अपना दोहरा शतक पूरा कर सकते थे। सचिन ने लिखा, मैं हैरान था, क्योंकि इस फैसले का कोई तुक नहीं था। यह मैच का दूसरा दिन था, चौथा नहीं। निराश और दुखी होकर मैं पवेलियन की ओर लौटा तो महसूस किया कि हर कोई द्रविड़ के फैसले पर हैरान था। मेरे कुछ साथी खिलाड़ियों को लग रहा था कि मैं ड्रेसिंग रूम में हंगामा करूंगा, लेकिन यह मेरा स्टाइल नहीं है। मैंने इस बारे में कुछ नहीं कहा।

पारी घोषित करते राहुल द्रविड़:

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सचिन ने लिखा, मैंने बैट रखा और कोच जॉन राइट से कुछ वक्त मांगा, क्योंकि मैं इतने देर तक बैटिंग करने के बाद थक चुका था। लेकिन अंदर ही अंदर मैं नाराज था। वहीं तत्कालीन कोच जॉन राइट ने अपनी किताब में लिखा था, सचिन को बुरा लगा था। वह 16 साल की उम्र से देश के लिए खेल रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ उसी की धरती पर दोहरा शतक लगाना शायद उसके लिए एक यादगार लम्हा होता।

यह कहा था राहुल द्रविड़ ने: किताब में सचिन ने लिखा, पवेलियन लौटने के बाद राहुल द्रविड़ मेरे पास आए थे और कहा था कि उन्होंने टीम के हित को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया था। हमारा लक्ष्य सिर्फ जीत थी। लेकिन सचिन इससे संतुष्ट नहीं हुए। सचिन ने कहा, मैं टीम के लिए बल्लेबाजी कर रहा था। मेरे 194 रन टीम के लिए ही थे। सिडनी मैच की याद दिलाते हुए सचिन ने द्रविड़ से कहा था, जब हम दोनों इस टेस्ट मैच के चौथे दिन साथ बल्लेबाजी कर रहे थे तो सौरव गांगुली ने दो या तीन संदेश भेजे थे कि क्या हम पारी घोषित कर दें? लेकिन राहुल खेलते रहे थे।

दोस्ती रही बरकरार: सचिन ने यह भी कहा कि इस घटना से उनकी दोस्ती पर कोई असर नहीं पड़ा था। उन्होंने लिखा, मैं और राहुल करियर के अंत तक दोस्त रहे। हमने कई अहम साझेदारियां कीं और न तो क्रिकेट और न ही हमारी दोस्ती पर असर पड़ा। भारत ने यह मैच पारी और 52 रन से जीता था।

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