साल 2016 में रियो पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन थंगावेलु ने टोक्यो पैरालंपिक की ऊंची कूद (स्पोर्ट्स क्लास T42) स्पर्धा में रजत पदक जीत लिया है। वहीं इस इवेंट में भारतीय एथलीट शरद कुमार ने कांस्य पदक जीता। इन दोनों पदकों के बाद टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत के पदकों की संख्या ने दहाई का आंकड़ा छू लिया है।
भारत के अब टोक्यो पैरालंपिक में 10 पदक हो गए हैं। हालांकि, अब वह टोक्यो पैरालंपिक्स की पदक तालिका में 30वें नंबर पर खिसक गया है। पहले वह 28वें नंबर पर पहुंच गया था। भारत ने अब तक 2 स्वर्ण पदक, 5 रजत पदक और 3 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने पहली बार पैरालिंपिक खेलों में दहाई का आंकड़ा पार किया है।
हाई जंप स्पोर्ट्स क्लास T42 वर्ग में उन खिलाड़ियों को रखा जाता है जिनके पैर में समस्या है, पैर की लंबाई में अंतर है, मांसपेशियों की ताकत और पैर की मूवमेंट में समस्या है। इस वर्ग में खिलाड़ी खड़े होकर इवेंट में हिस्सा लेते हैं। इससे पहले मंगलवार यानी 31 अगस्त को निशानेबाज सिंहराज अडाना ने पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएफ1 स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
मरियप्पन ने 1.86 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक अपने नाम किया, जबकि अमेरिका के सैम ग्रेव ने अपने तीसरे प्रयास में 1.88 मीटर की कूद के साथ सोने का तमगा जीता। शरद ने 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। स्पर्धा में हिस्सा ले रहे तीसरे भारतीय और रियो 2016 पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता वरुण सिंह भाटी नौ प्रतिभागियों में सातवें स्थान पर रहे। वह 1.77 मीटर की कूद लगाने में नाकाम रहे।
मरियप्पन और शरद दोनों ने अपने पहले प्रयास में 1.73 मीटर और 1.77 मीटर की ऊंचाई का सफल जंप किया था। शरद कुमार शुरुआत से लीड में थे। हालांकि शरद 1.86 मीटर पर 3 प्रयास के बाद भी सफल जंप नहीं कर पाए और ब्रॉन्ज मेडल के साथ गोल्ड की रेस से बाहर हो गए।
इसके बाद रेस में केवल मरियप्पन और अमेरिका के ग्रीव सैम ही बचे। दोनों ने 1.86 का मार्क पर सफल जंप किया। इसके बाद मरियप्पन तीन प्रयास में भी 1.86 मीटर का जंप क्लियर नहीं कर पाए। दूसरी ओर, अमेरिका के ग्रीव ने तीसरे प्रयास में 1.86 मीटर के सफल जंप के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
पिछली बार भी रियो ओलिंपिक में भी भारत को हाई जंप में दो मेडल मिले थे। तब मरियप्पन थंगावेलु ने गोल्ड मेडल हासिल किया था। वरुण सिंह भाटी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इस बार मरियप्पन ने तो सिल्वर मेडल जीता, लेकिन वरुण पदक जीतने से चूक गए।