सोमवार यानी 30 अगस्त 2021 को टोक्यो से भारत के लिए एक और खुशखबरी आई। भारतीय पैरा एथलीट सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक्स में देश के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता। सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालिंपिक में जैवलिन थ्रो की F64 स्पर्धा के फाइनल में 3 थ्रो में 3 बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। इसके साथ ही सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालिंपिक में भारत का दूसरा और एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक जीता।
ऑस्ट्रेलिया के मिचाल बुरियन (66.29 मीटर) और श्रीलंका के डुलान कोडिथुवाक्कू (65.61 मीटर) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते। सुमित शुरुआत में एक पहलवान थे लेकिन 2015 में एक दुर्घटना ने उनकी जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। इसके बाद उन्होंने पहलवान बनने के सपने को छोड़ दिया लेकिन खेल के रास्ते पर चलते रहे।
F64 स्पर्धा में एक पैर कटा होने वाले एथलीट कृत्रिम अंग (पैर) के साथ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं। दिल्ली के रामजस कॉलेज के छात्र और हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले 23 साल के सुमित ने 2015 में मोटरबाइक दुर्घटना में बायां पैर घुटने के नीचे से गंवा दिया था। दुर्घटना के बाद उनके बाएं पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा। उनके गांव के एक पैरा एथलीट 2018 में उन्हें इस खेल के बारे में बताया था।
टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत के पदकों की संख्या अब सात हो गई है। निशानेबाज अवनि लेखरा और सुमित अंतिल ने स्वर्ण पदक जीते हैं। इसके अलावा भारत ने एथलेटिक्स में तीन और टेबल टेनिस में एक रजत पदक जीते हैं। भारत ने एथलेटिक्स में एक कांस्य पदक भी जीता है।
एथलेटिक्स में देवेंद्र झाझरिया, योगेश कथुनिया और निषाद कुमार ने रजत पदक जीते हैं। टेबल टेनिस में भाविनाबेन पटेल ने सिल्वर मेडल जीता है। वहीं, सुंदर सिंह गुर्जर ने कांस्य पदक जीता है।
वैसे भारत के पदकों की यह संख्या आठ होती, लेकिन भारत के चक्का फेंक एथलीट विनोद कुमार ने टूर्नामेंट के पैनल द्वारा विकार के क्लासिफिकेशन निरीक्षण में ‘अयोग्य’ पाए गए। इस कारण भारत ने पुरुषों की एफ52 स्पर्धा का कांस्य पदक गंवा दिया।
सुमित अंतिल ने अपने पहले प्रयास में 66.95 मीटर का थ्रो किया। इसके साथ ही वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। सुमित ने अपने दूसरे प्रयास में 68.08 मीटर का थ्रो किया और पहले प्रयास में बनाए गए वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
सुमित ने अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने ही बनाए गए वर्ल्ड रिकॉर्ड को फिर तोड़ दिया। इसके साथ ही उन्होंने पुरुषों की भाला F64 का गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाल दिया। हालांकि, सुमित का अंतिम थ्रो ‘फाउल’ रहा। सुमित के थ्रो की सीरीज 66.95, 68.08, 65.27, 66.71, 68.55 मीटर और फाउल रही।
सुमित ने इस साल 5 मार्च को पटियाला में भारतीय ग्रां प्री सीरीज-3 में ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा के खिलाफ भी मुकाबला किया था। तब वह 66.43 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ 7वें स्थान पर रहे थे। वहीं, नीरज चोपड़ा ने 88.07 मीटर के थ्रो के साथ अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा था। सुमित ने दुबई में 2019 विश्व चैंपियनशिप में F64 भाला फेंक में रजत पदक जीता था।