टोक्यो पैरालंपिक्स 2020 में भारत की झोली में एक और मेडल आ गया है। नोएडा के जिलाधिकारी और पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एल यतिराज को पुरुष एकल पैरा-बैडमिंटन एसएल4 वर्ग के फाइनल में फ्रांस के लुकास मजूर से करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के साथ सुहास एल यतिराज को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।

नोएडा के जिलाधिकारी 38 वर्षीय सुहास दो बार के विश्व चैम्पियन माजूर से 62 मिनट तक चले फाइनल में 21-15 17-21 15-21 से हार गये। सुहास ग्रुप ए के क्वालीफाइंग में भी माजूर से हार गये थे जिनके नाम यूरोपीय चैम्पियनशिप में तीन स्वर्ण पदक हैं। इस तरह गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के जिलाधिकारी सुहास पैरालंपिक में पदक जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी भी बन गये हैं। इससे पहले सेमीफाइनल में उन्होंने इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 31 मिनट में 21-9, 21-15 से हराया था।

निशानेबाज प्रोन फाइनल्स के लिये क्वालीफाई करने में असफल
वहीं कोई भी भारतीय निशानेबाज रविवार को यहां पैरालंपिक की मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन एसएच1 स्पर्धा के फाइनल्स के लिये क्वालीफाई नहीं कर सका जबकि स्टार अवनि लेखरा क्वालीफिकेशन में 28वें स्थान पर रहीं। इससे भारत का निशानेबाजी में ऐतिहासिक अभियान भी समाप्त हो गया जिसमें देश के नाम पांच पदक रहे।

सिद्धार्थ बाबू क्वालीफाई करने के करीब पहुंचे लेकिन वह मामूली 0.2 के अंतर से पिछड़ गये जिससे वह क्वालीफिकेशन दौर में नौंवे स्थान पर रहे। बाबू ने 617.2 अंक का स्कोर बनाया और वह चीन के चाओ डोंग (617.4) से महज 0.2 अंक पीछे रहे।

वहीं 10 मीटर राइफल में स्वर्ण और 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशंस में कांस्य पदक जीतकर स्टार बनीं लेखरा ने 612 अंक का स्कोर बनाया जिससे वह 28वें स्थान पर रहीं। इस 19 साल की निशानेबाज लेखरा ने अपने पदार्पण में खेलों में शानदार प्रदर्शन किया जो निशानेबाजी का पदक और खेलों का स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी।

तीसरे भारतीय निशानेबाज दीपक 602.2 के स्कोर से 46वें स्थान पर रहे। एसएच1 राइफल स्पर्धा में वही एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनके पैरों में विकार हो जिसमें दुर्घटना में उनका पैर काटना पड़ा हो या पैरों में लकवा मार गया हो। मिश्रित स्पर्धा में महिला और पुरूष दोनों निशानेबाज हिस्सा लेते हैं।