टोक्यो पैरालंपिक्स में सोमवार को भारत के लिए ऐतिहासिक दिन है। भारत की अवनि लेखड़ा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीत लिया है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत का यह पहला गोल्ड मेडल है। वहीं डिस्कस थ्रोअर योगेश कथुनिया ने F56 श्रेणी में रजत पदक जीता। योगेश 44.38 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ दूसरे स्थान पर रहे।
जैवलिन थ्रो में भी भारत के हिस्से में दो पदक आए। देवेंद्र झाझरिया ने F46 कैटेगरी में रजत और सुंदर सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीते। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के अब 7 पदक हो गए हैं। देवेंद्र ने 64.35 मीटर और सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर दूर भाला फेंका। राजस्थान के चुरू जिले के रहने वाले देवेंद्र झाझरिया ने 2016 रियो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। उनके नाम भारत की ओर से पैरालंपिक में दो बार गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है।
वहीं, 19 साल की इस शूटर ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में में पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने 249.6 का स्कोर बनाया और अव्वल रहीं। पैरालंपिक्स के इतिहास में भारत का शूटिंग में यह पहला स्वर्ण पदक है।
जयपुर की रहने वालीं अवनि ने इस स्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड में 21 निशानेबाजों के बीच सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में प्रवेश किया था। उन्होंने 60 सीरीज के छह छह शॉट के बाद 621.7 का स्कोर बनाया, जो शीर्ष आठ निशानेबाजों में जगह बनाने के लिए पर्याप्त था।
इस भारतीय निशानेबाज ने शुरू से आखिर तक निरंतरता बनाए रखी और लगातार 10 से अधिक के स्कोर बनाए। चीन की झांग कुइपिंग और यूक्रेन की इरियाना शेतनिक 626.0 के पैरालंपिक क्वालिफिकेशन रिकॉर्ड के साथ पहले दो स्थान हासिल किए।
नेशनल स्पोर्ट्स डे (29 अगस्त) यानी रविवार को भाविनाबेन पटेल ने महिलाओं की एकल टेबल टेनिस स्पर्धा क्लास 4, निषाद कुमार ने पुरुषों की टी 47 ऊंची कूद स्पर्धा में रजत पदक जीते थे।
डिस्कस थ्रोअर विनोद कुमार ने एशियाई रिकॉर्ड के साथ पुरुषों की एफ 52 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। हालांकि, उनके विकार के क्लासिफिकेशन पर विरोध के कारण वह जीत का जश्न नहीं मना पाए। पदक समारोह भी 30 अगस्त की शाम के सत्र तक स्थगित कर दिया गया है।
अवनि पैरालंपिक्स में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला
अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक 2016 रियो पैरालंपिक में गोला फेंक में कांस्य पदक जीतकर इन खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। टोक्यो में टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाने के साथ पैरालंपिक में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला बनीं।
अवनि से पहले भारत की तरफ से पैरालंपिक खेलों में मुरलीकांत पेटकर (पुरुष तैराकी, 1972), देवेंद्र झाझरिया (पुरुष भाला फेंक, 2004 और 2016) तथा मरियप्पन थंगावेलु (पुरुष ऊंची कूद, 2016) ने स्वर्ण पदक जीते थे।
एक्सीडेंट के चलते 12 साल की उम्र में व्हीयचेयर पर आ गईं थीं अवनि
अवनी लेखड़ा साल 2012 में जब 12 साल की थीं, तब एक्सीडेंट के चलते सीधे व्हीलचेयर पर आ गई थीं। हालांकि, पैरालाइज का दंश झेलने वाली अवनि ने हार नहीं मानी और एक्सीडेंट के महज तीन साल बाद ही शूटिंग को अपनी जिंदगी बनाया। उन्होंने 5 साल में ही गोल्डन गर्ल का तमगा हासिल कर लिया।
अवनि ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना पहला पदक जीता है। वह 2019 में विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रही थीं। पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा ले रहीं विश्व में पांचवीं रैंकिंग की अवनि ने क्वालिफिकेशन और फाइनल्स दोनों में लगातार 10 से अधिक के स्कोर बनाए। वह विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के करीब थीं लेकिन आखिर में 9.9 के दो स्कोर से ऐसा नहीं कर पाईं।
अवनि की प्रैक्टिस पर पिछले एक साल से कोरोना ने काफी असर डाला। हालांकि उनके पिता ने घर में ही टारगेट सेट कर बेटी की प्रैक्टिस के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। वह घर पर ही टारगेट पर प्रैक्टिस करती रहीं। वह नियमित रूप से जिम और योगा पर ध्यान देती रहीं।