टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू का पेरिस ओलंपिक में अपने पदक का रंग बदलने का सपना अधूरा रह सकता है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को किसी खेल को ओलंपिक कार्यक्रम से हटाने के लिए अधिक अधिकार दिए गए हैं। जिसकी मुताबिक इन अधिकारों की पहली गाज वेटलिफ्टिंग पर ही गिर सकती है।
आपको बता दें वेटलिफ्टिंग और मुक्केबाजी की संचालन व्यवस्था लंबे समय से विवादों से घिरी रही है। वेटलिफ्टिंग के साथ डोपिंग की समस्या भी जुड़ी हुई है और ऐसे में इस खेल पर पेरिस में 2024 खेलों से बाहर किए जाने का खतरा मंडरा रहा है। इन दोनों खेलों से जुड़े मुद्दों को देखते हुए ही आईओसी के सदस्यों ने मतदान करके खेलों की सर्वोच्च संस्था को किसी खेल को ओलंपिक कार्यक्रम से बाहर करने के अधिक अधिकार दिए हैं।
आईओसी के अनुसार अब यदि कोई खेल आईओसी के कार्यकारी बोर्ड के फैसलों का पालन नहीं करता है या ऐसे काम करता है जिससे ओलंपिक आंदोलन की छवि धूमिल होती हो तो आईओसी उसे ओलंपिक कार्यक्रम से हटा सकती है।
आईओसी प्रमुख थामस बाक की अध्यक्षता वाले कार्यकारी बोर्ड को किसी खेल की संचालन संस्था के किसी निर्णय का पालन नहीं करने या उसे मानने से इन्कार करने पर किसी खेल को ओलंपिक से निलंबित करने का नया अधिकार भी मिल गया है। इसका सबसे अधिक प्रभाव मुक्केबाजी और वेटलिफ्टिंग पर पड़ सकता है। मुक्केबाजी में पेरिस ओलंपिक के लिये खिलाड़ियों का कोटा पहले ही कम कर दिया गया है लेकिन भारोत्तोलन को इन खेलों से पूरी तरह से ही हटाया जा सकता है।
आईओसी के उपाध्यक्ष जॉन कोट्स ने कहा, ‘‘हाल में आईओसी को कुछ अंतरराष्ट्रीय महासंघों के संचालन से जुड़ी चिंताओं का सामना करना पड़ा।’’ वेटलिफ्टिंग से लंबे समय से डोपिंग ओर संचालन संबंधी मुद्दे जुड़े हुए हैं। इनमें वित्तीय भ्रष्टाचार भी शामिल है। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ की अगुवाई दो दशक तक टामस अजान ने की। उन्हें पिछले साल अपना पद छोड़ना पड़ा था।
रियो ओलंपिक 2016 में मुकाबलों पर उठाए गए सवालों और अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ी चिंताओं के कारण टोक्यो ओलंपिक की मुक्केबाजी को 2019 में ही अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के नियंत्रण से हटा दिया गया था।
गौरतलब है की भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा के पहले दिन ही 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर भारत का खाता खोला था। उन्होंने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने को अपना लक्ष्य भी बनाया है। ऐसे में अगर ये स्पर्धा ओलंपिक से हटती है तो उनके सपन को बड़ा झटका लग सकता है।
(इनपुट: भाषा)