ओलंपिक में पदक जीतने के बेहद करीब पहुंचकर चूकी भारतीय महिला हॉकी टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। इस दौरान खिलाड़ी भावुक हो गए और रोने लगे। जिसके बाद पीएम ने फोन पर ढांढस बंधाते हुए कहा कि उनका पसीना पदक नहीं ला सका लेकिन आज देश की करोड़ों बेटियों की प्रेरणा बन गया है।

टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचकर सेमीफाइनल तक पहुंची भारतीय टीम कांस्य पदक के मुकाबले में ब्रिटेन से 3- 4 से हारकर चौथे स्थान पर रही। आखिरी सीटी बजने के बाद ही भारतीय खिलाड़ी मैदान पर फूट फूट कर रोने लगी और कोच शोर्ड मारिन तथा टीम के वैज्ञानिक सलाहकर वेन लोम्बार्ड उन्हें संभालते नजर आये। प्रधानमंत्री मोदी ने कप्तान रानी रामपाल और पूरी टीम से फोन पर कहा, ‘‘आप सभी लोग बहुत बढिया खेले हैं। आपने इतना पसीना बहाया है पिछले पांच छह साल से। सब कुछ छोड़कर आप इसी में साधना कर रहे थे। आपका पसीना पदक नहीं ला सका लेकिन आपका पसीना आज देश की करोड़ों बेटियों की प्रेरणा बन गया है।’’

उन्होंने आगे कहा ,‘‘ मैं टीम के सभी साथियों को और आपके कोच को बधाई देता हूं। निराश बिल्कुल नहीं होना है।’’ उन्होंने यह भी पूछा कि क्या नवनीत कौर की आंख में चोट लगी है जिस पर कप्तान रानी ने बताया कि उसे चार टांके आये हैं । उन्होंने कहा ,‘‘उसकी आंख को तो कोई तकलीफ नहीं है ना।’’

उन्होंने खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए कहा ,‘‘वंदना और सभी ने बहुत बढिया किया है। सलीमा तो कमाल कर देती है। ’’ प्रधानमंत्री से बात करते हुए कप्तान रानी और गोलकीपर सविता पूनिया फफक पड़े । इस पर उन्होंने कहा ,‘‘आप लोग रोना बंद कीजिये। मुझ तक आवाज आ रही है। देश आप पर गर्व कर रहा है। बिल्कुल निराश नहीं होना है।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ आप लोगों की मेहनत से कितने दशकों के बाद हॉकी भारत की पहचान पुनर्जीवित हो रही है।’’ कोच मारिन ने कहा ,‘‘ लड़कियां भावुक हो गई है। प्रोत्साहन देने के लिये आपका धन्यवाद। मैने भी इनसे कहा है कि इन्होंने पदक से बढकर कुछ हासिल किया है और उस पर हर्षित होना चाहिये।’’

प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘आप सभी ने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया और मैने देखा कि आप कैसे लड़कियों को ढांढस बंधा रहे थे। भविष्य के लिये शुभकामना।” इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था ,‘‘ हम महिला हॉकी में पदक से चूक गए लेकिन यह टीम नये भारत को प्रतिबिंबित करती है जिसमें हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके नयी ऊंचाइयों को छू रहे हैं। खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। टीम के हर सदस्य में जबर्दस्त साहस, कौशल और दृढ़ता है। भारत को इस टीम पर गर्व है।’’ उन्होंने लिखा ,‘‘ तोक्यो ओलंपिक में उनकी सफलता से कई युवा लड़कियों को हॉकी खेलने और उसमें अच्छा करने की प्रेरणा मिलेगी। इस टीम पर गर्व है।’’