न्यूजीलैंड-ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न के मैदान पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच हुआ। इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में अपना दम दिखाया। लेकिन, टेस्ट टीम के कप्तान टिम पेन काफी निराश दिखे। उनकी निराशा का कारण कोई खिलाड़ी नहीं बल्कि क्रिकेट का डीआरएस नियम है। दूसरे टेस्ट में विवादास्पद तरीके से आउट होने के बाद क्रिकेट की डीआरएस प्रणाली की आलोचना करते हुए पेन ने कहा कि इस प्रणाली के नतीजों से वह निराश और नाराज हो गए हैं।

इस मुकाबले में पेन जबरदस्त लय में दिख रहे थे और अपना पहला टेस्ट शतक जड़ने के करीब थे जब न्यूजीलैंड ने अंपायर के नाट आउट फैसले की समीक्षा ली और उन्हें नील वैगनर ने 79 रन के स्कोर पर पगबाधा आउट किया। प्रसारक एबीसी द्वारा डीआरएस के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘फिर से शुरू मत करो। उन्होंने इस गेंद के बारे में कहा कि मैंने दूर से सोचा कि यह पिच हुई है और वह खिलाड़ी ‘अराउंड द विकेट’ गेंदबाजी कर रहा है और आपको लाइन में हिट करते हुए स्टंप पर हिट करना मुश्किल है।

 

कुछ कमेंटेटर भी इस बात से सहमत थे कि वैगनर की गेंद किस तरह से लाइन में पहुचंकर पेन के मिडिल स्टंप तक जा सकती है। पेन की निराशा इसलिये भी बढ़ गयी क्योंकि न्यूजीलैंड के रॉस टेलर शुरू में पगबाधा दिये जाने के बाद समीक्षा में बच गये। गेंद स्टंप हिट करती हुई दिख रही थी लेकिन ट्रैकिंग तकनीक में यह ऊपर जाती दिखी।

पेन ने कहा कि और फिर आपने अंत में देखा, वह बच गया और क्रीज पर है जबकि गेंद स्टंप हिट कर रही थी लेकिन यह ऊपर जा रही थी। इसलिये यह निराशाजनक है और इससे मैं नाराज हूं। ’’ उन्होंने तकनीक की सटीकता के बारे में कहा, ‘‘मेरे कुछ संशय हैं, इसमें कोई शक नहीं है। (एजेंसी इनपुट के साथ)