दक्षिण अफ्रीका और जिंबाब्वे के बीच खेल जा रहे एकमात्र डे-नाइट टेस्ट मैच में मेजबान टीम ने अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है। जिंबाब्वे की पूरी टीम अपनी पहली पारी में महज 68 रनों पर ऑल आउट हो गई। जिंबाब्वे की इस पारी में उसके चार बल्लेबाज शून्य के स्कोर पर ही आउट हो गए। इसके अलावा 9 खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके। जिंबाब्वे को इस छोटे से स्कोर पर सिमटाने में दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज मॉर्ने मॉर्कल का अहम योगदान रहा। उन्होंने 11 ओवर में 5 मेडन करते हुए कुल 21 रन दिए और 5 विकेट अपने नाम कर लिए।
इससे पहले एडेन मार्कराम ने अपना दूसरा शतक जड़ते हुए 125 रन की पारी खेली जिससे दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी नौ विकेट पर 309 रन बनाकर घोषित की थी। पहले दिन का खेल समाप्त होने पर मार्कराम और जिंबाब्वे के कप्तान ग्रीम क्रेमर ने कहा कि दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद के खिलाफ बल्लेबाजों के लिए हालात काफी बदल गए थे। दक्षिण अफ्रीका ने पहले दिन के तीसरे सत्र में 58 रन पर पांच विकेट गंवाए थे जिससे दूधिया रोशनी के ढाई घंटे के सत्र में 88 रन पर नौ विकेट गिरे।
इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। जार्विस और पदार्पण कर रहे ब्लेसिंग मुजरबानी के खिलाफ मार्कराम ने सतर्क शुरुआत की। उन्होंने 104 गेंद में अर्धशतक पूरा किया और फिर खुलकर बल्लेबाजी करते हुए 175 गेंद में शतक पूरा किया। उन्होंने 204 गेंद की पारी में 14 चौके और दो छक्के मारे। टेस्ट क्रिकेट में वापसी कर रहे एबी डिविलियर्स ने 65 गेंद में 53 रन की पारी खेली। नियमित कप्तान के चोट से पूरी तरह नहीं उबरने के कारण डिविलियर्स इस मैच में कप्तानी कर रहे हैं।