भारतीय क्रिकेट टीम 1983 में पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने यह उपलब्धि हासिल की थी। 1983 वर्ल्ड कप फाइनल (Final Prudential World Cup 1983) में मोहिंदर अमरनाथ प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए थे। 24 सितंबर 1950 में पटियाला में जन्में मोहिंदर अमरनाथ ने गेंद और बल्ले दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने पहले बल्लेबाजी करते हुए 26 रन बनाए, बाद में 7 ओवर में 12 रन देकर 3 विकेट चटकाए थे। 1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम कपिल शर्मा के शो ‘द कपिल शर्मा शो’ में भी आ चुकी है।

शो के दौरान ही मोहिंदर अमरनाथ ने अपने एक अंधविश्वास (Superstition) के बारे में बताया था। कपिल शर्मा ने कहा, ‘जिमी सर हमने सुना है कि जब आप खेलने जाते थे, तो आपकी जेब में एक लाल रुमाल रहता था। आप क्या सोचकर रखते थे, कोई फास्ट बॉलर आएगा तो लाल रंग देखकर स्लो हो जाएगी बॉल। क्यों रखते थे सर आप?’ इस पर मोहिंदर अमरनाथ ने बताया, ‘हम जितने भी क्रिकेटर होते हैं, सूपर्स्टिशेयिस (अंधविश्वासी) हैं। कोई न कोई कुछ अलग करता है। कोई अलग चीजें करता है।’

अमरनाथ ने बताया, ‘लेकिन मेरे मामले में यह था कि मेरे पिता (लाला अमरनाथ) बहुत बड़े खिलाड़ी थे अपने वक्त के। हालांकि, मैंने कभी उनको खेलते नहीं देखा था। मैंने उनकी बातें सुनी थीं, बहुत ज्यादा। मुझे यह कहा जाता था कि जब वह खेलते थे तो वह लाल रुमाल रखा करते थे। मेरा यह ड्रीम था, एम्बीशन था कि मैं उनकी तरह बनना चाहता था। लेकिन मेरे में उतना टैलेंट नहीं था, जितना उनमें था।’

मोहिंदर ने बताया, ‘मैंने सोचा ऐसी कौन सी चीज है, जो मुझे मदद कर सकती है। तो मैंने जब खेलना शुरू किया तो मैंने वह लाल रुमाल रखना शुरू कर दिया। जब भी मैं उसको रखता था अपनी पॉकेट में, तो मेरी परफॉर्मेंस होती थी। जब मैं कम बैक कर रहा था, तब भी मुझे बहुत कामयाबी उससे मिली।’

अमरनाथ ने बताया, ‘मुझे याद है कि एक टेस्ट मैच हम खेल रहे थे वेस्टइंडीज में। तब माइकल होल्डिंग ने कहा था कि इसका लाल रुमाल चोरी कर लो, तो शायद यह फेल हो जाएगा, क्योंकि मेरी वह सीरीज काफी अच्छी जा रही थी। तो लाल रुमाल इसलिए भी मेरा लकी कलर रहा है।’ इतना कहते हुए मोहिंदर अमरनाथ ने अपने कोट की अंदर वाली जेब से वह लाल रुमाल निकाल के सभी को दिखाया।

अमरनाथ ने कहा, ‘मैं इसे ऐसे मौके पर रखता हूं, जो स्पेशल होते हैं। जैसे आपके साथ होने का मेरे लिए एक बहुत स्पेशल मौका है। कपिल ने कहा, थैंक्यू सर। अमरनाथ ने कहा, मैंने सोचा इससे बेहतर तो कुछ हो नहीं सकता है। इसलिए मैंने यह लाल रुमाल अपनी जेब में रखा हुआ है।’