वेंकट कृष्णा बी: अभी सिर्फ 6 महीने पहले की ही बात है, जब घर पर एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप में भारत के न्यू-बॉल (विपक्षी टीम के खिलाफ गेंदबाजी की शुरुआत करने वाले) बॉलर चर्चा का विषय थे। अब जब टी20 विश्व कप के लिए एक महीने से भी कम का समय बचा है, भारत अपने न्यू-बॉल गेंदबाजों को लेकर चिंतित है।
शमी चोटिल, सिराज आउट ऑफ फॉर्म
दरअसल, मोहम्मद शमी चोटिल हैं और मोहम्मद सिराज इंडियन प्रीमियर लीग में फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जैसे हालात हैं, तेज गति विभाग में भारत की एकमात्र उम्मीद जसप्रीत बुमराह ही हैं। उनके नाम के साथ एक्स-फैक्टर जुड़ा हुआ है। अगले कुछ दिनों में अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली भारत की चयन समिति को जून में यूएसए और कैरेबियन में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए अनंतिम 15 सदस्यीय टीम की घोषणा करनी है।
मुश्किल में भारतीय स्पीड बैटरी
बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में किसे बाहर रखा जाए इस संबंध में उन्हें निश्चित रूप से कुछ कठिन निर्णय लेने होंगे, लेकिन गेंदबाजी के मोर्चे पर टीम मैनेजमेंट को महत्वपूर्ण फैसले लेने होंगे। खासकर आक्रमण कैसे करना है इस पर। स्पिनर्स के लिए विकल्प सीधे प्रतीत होते हैं। इनमें रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव और रवि बिश्नोई स्पष्ट विकल्प हैं, लेकिन स्पीड बैटरी के मामले में भारत मुश्किल में है।
भुवनेश्वर के बाहर होने से बिगड़े समीकरण
उदाहरण के लिए पावरप्ले के ओवर्स में भुवनेश्वर कुमार के बाहर होने के बाद से भारत विकेट के लिए शमी और सिराज पर निर्भर हो गया है। मोहम्मद शमी के चोटिल होने और टी20 में सिराज की ताकत नहीं होने के कारण, भारत की नजर अब इस भूमिका के लिए बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह और खलील अहमद पर है।
दीपक चाहर ज्यादातर रहते हैं अनफिट
जब भुवनेश्वर कुमार का दावा कमजोर पड़ा उसके बाद भारत पावरप्ले में गेंदबाजी के लिए दीपक चाहर को आदर्श विकल्प के रूप में देख रहा था। इससे उन्हें पारी के दूसरे हिस्से में मुख्य रूप से बुमराह का इस्तेमाल करने में मदद मिलती। लेकिन दीपक चाहर के मैच नहीं खेलने और आईपीएल के दौरान चोट से जूझने के कारण भारत को दूसरे विकल्पों पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
डेथ ओवर्स में काम आ सकती है अर्शदीप की प्रतिभा
अर्शदीप पिछले विश्व कप के बाद से टी20 सेट-अप का हिस्सा हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में हाल ही में संघर्ष किया था। वह आईपीएल में फॉर्म में लौटने के संकेत दे रहे हैं। नई गेंद को स्विंग कराने की क्षमता के अलावा, विशेषकर दाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अर्शदीप को डेथ ओवर्स में गेंदबाजी करने के लिए भी गिना जा सकता है।
खलील अहमद भी हो सकते हैं एक विकल्प
इसी तरह, खलील अहमद को एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। खलील का घरेलू सीजन प्रभावशाली रहा था। साल 2018 और 2019 के बीच, वह भारतीय सफेद गेंद टीमों का हिस्सा थे और उन्हें एक अच्छी संभावना के रूप में देखा गया था। लेकिन उनकी सीमित क्षमता सामने आने के बाद उन्हें घरेलू क्रिकेट में भेज दिया गया। समझा जाता है कि गति बढ़ाने के अलावा खलील अहमद अपने तरकश में अधिक तीरों के साथ आईपीएल में वापस आए हैं। इसमें स्लोवर बॉल भी शामिल हैं, जिन्हें खेलना मुश्किल हो गया है।
उमरान का क्यों नहीं किया अच्छी तरह इस्तेमाल
इन सबको देखते हुए यह हैरान करने वाला है कि उमरान मलिक को टी20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए तैयार क्यों नहीं किया गया। उमरान मलिक इस फॉर्मेट में भारत के लिए उपयोगी हो सकती है। 24 साल के इस गेंदबाज ने फरवरी 2023 से कोई T20I और जुलाई 2023 से एकदिवसीय मैच नहीं खेला है, जबकि एक समय उन्हें रोमांचक संभावना के रूप में देखा जा रहा था।
एनरिक नॉर्खिया, मार्क वुड, लॉकी फर्ग्युसन, हारिस रऊफ के कारण साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान को इस मोर्चे पर बढ़त हासिल है। यह देखते हुए कि तेज गेंदबाजी संसाधन कम होते जा रहे हैं। यह एक बड़ी पहेली बनी हुई है कि भारत ने उमरान का पूरा इस्तेमाल क्यों नहीं किया है। लखनऊ सुपर जायंट्स के मयंक यादव को अपने मौके का इंतजार करना होगा क्योंकि चयनकर्ता चाहते हैं कि वह घरेलू स्तर पर आगे बढ़ें।
कुलदीप पर बढ़ेगी भारत की निर्भरता
मयंक यादन ने आईपीएल 2024 में अपनी गति से सभी को प्रभावित किया है। इसका मतलब है कि बीच के ओवर्स में भारत को काफी हद तक कुलदीप यादव पर निर्भर रहना होगा, जो उसकी अटैकिंग फोर्स होंगे। इन बंदिशों को देखते हुए यह भी कहा जा सकता है कि भारत का केंद्र उनकी बल्लेबाजी इकाई के इर्द-गिर्द घूमेगा।