टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज का आगाज धमाकेदार अंदाज में किया है। गुरुवार को विशाखापट्टनम में खेले गए पहले टी20 में भारतीय टीम ने 2 विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में टीम इंडिया ने 209 रन का लक्ष्य 19.5 ओवर में 8 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस जीत में सूर्या की विस्फोटक पारी का सबसे बड़ा योगदान रहा। उन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए 42 गेंद में 80 रन की तूफानी पारी खेली।

टी20 के वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी हैं सूर्या

कल की इस पारी के बाद सूर्यकुमार यादव ने फिर साबित कर दिया कि वह इस फटाफट फॉर्मेट के वर्ल्ड क्लास प्लेयर हैं। वर्ल्ड कप फाइनल में अपनी बैटिंग को लेकर ट्रोल हो रहे सूर्या ने अपनी इस पारी से ट्रोलर्स को जवाब देने का काम किया। सूर्यकुमार यादव की इस पारी ने फिर यह सवाल उठाया है कि क्या उन्हें सिर्फ टी20 फॉर्मेट ही खेलना चाहिए, क्योंकि टी20 में सूर्या के आंकडे़ कमाल के हैं। वह जब भी रन बनाते हैं तो उनका स्ट्राइक रेट 200 के करीब का रहता है। वहीं वनडे में उनके आंकड़े बिल्कुल अच्छे नहीं है।

टी20 और वनडे में सूर्यकुमार के आंकड़े

वनडे और टी20 फॉर्मेट में इस खिलाड़ी के आंकड़े एकदम विपरीत हैं। टी20 में सूर्या ने 54 मैचों में 46.85 की औसत और 173.37 के स्ट्राइक रेट से 1921 रन बनाए हैं। टी20 में उन्होंने 108 छक्के लगा दिए हैं। टी20 फॉर्मेट में सूर्या 3 शतक और 16 अर्धशतक लगा चुके हैं। वहीं वनडे में उनके आंकड़े इसके एकदम उल्टा हैं। सूर्या ने 37 वनडे मैच खेलते हुए 35 पारियों में 25.76 की औसत और 105.02 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ 773 रन बनाए हैं। वनडे में उनके बल्ले से सिर्फ 19 छक्के निकले हैं। वनडे में उन्होंने सिर्फ 4 हाफ सेंचुरी लगाई हैं।

विश्व कप में अपना रोल अदा नहीं कर पाए सूर्या

सूर्या के इन आंकड़ों के बाद यही सवाल उठ रहा है कि क्या उन्हें सिर्फ टी20 फॉर्मेट ही खिलाना चाहिए? विश्व कप 2023 के आगाज से पहले सूर्या को जब टीम में लिया गया था तब यह बताया गया था कि सूर्या को 50-50 फॉर्मेट में भी वही रोल अदा करना है जो वह टी20 में करते हैं। उन्हें अपने अंदाज में ही बल्लेबाजी करनी है, लेकिन विश्व कप में ऐसा नहीं हुआ। सूर्या ने विश्व कप की 7 पारियों में 17.66 की औसत से सिर्फ 106 रन बनाए।