कोरोना वायरस के चलते देश और दुनिया के तमाम देशों में लॉकडाउन है, जिसके चलते खेल की गतिविधियों पर रोक लगी हुई है। इन हालत में खिलाड़ी अपने परिवार संग टाइम बिता रहे हैं। भले ही ये खिलाड़ी मैदान से दूर हों लेकिन सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस से भी कनेक्ट रहते हैं। हाल ही में इंस्टाग्राम लाइव चैट पर टीम इंडिया के कैप्टन विराट कोहली और भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री के बीच लंबी बातचीत हुई। इस चैट के दौरान सुनील छेत्री पर एक यूजर ने नस्लभेदी टिप्पणी की। इसके बाद सोशल मीडिया पर जमकर बवाल हुआ।
इस चैट के दौरान कोहली ने न सिर्फ क्रिकेट बल्कि उनके जीवन में आए संघर्ष और अनुष्का के साथ बिताए यादगार पलों को भी फैंस के साथ साझा किया। छेत्री ने भी अपने बारे में कोहली से तमाम बातें शेयर कीं। इसी बीच यश शर्मा नाम के यूजर ने छेत्री के लिए लाइव वीडियो के कमेंट में लिखा, ‘यह नेपाली कोन है?’ इस कमेंट के बाद इस यूजर के खिलाफ तमाम लोगों ने छेत्री और नॉर्थ ईस्ट के लोगों का समर्थन किया।
पूर्वोत्तर के लोगों की इस तरह की समस्या को ट्विटर पर बाद में शेयर किया गया। Abhinav kaka नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘भारतीय फुटबॉल कप्तान को नेपाली कहा जा रहा है, जिससे नॉर्थ ईस्ट के लोगों की स्थिति की कल्पना की जी सकती है। छेत्री को न जानने वाले लोग फिर भी ठीक हैं लेकिन समाज में उनके प्रति चिंकी, नेपाली जैसे शब्द शर्मनाक हैं।’ न सिर्फ खिलाड़ी बॉलीवुड सिंगर मियांग चैंग भी अपने लुक्स के कारण अभद्र टिप्पणियों का शिकार होते रहे हैं।
मालूम हो, अप्रैल की शुरुआत में पूर्वोत्तर के कई लोगों के साथ नस्ली दुर्व्यवहार की खबर सामने आई थीं। तब छेत्री ने कहा था, ‘यह सही नहीं है। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए … मान लीजिए कि आप अरुणाचल प्रदेश, असम या सिक्किम में काम कर रहे हैं, और लोग आपको परेशान करते हैं, आपको धमकाते हैं या टिप्पणी करते हैं तो कैसा लगेगा?’
सुनील छेत्री का योगदान न सिर्फ फुटबॉल में है, बल्कि उनके पिता भी इंडियन आर्मी की तरफ से फुटबॉल खेलते थे। उनकी मां और उनकी दो बहनें नेपाली महिला फुटबॉल टीम के लिए खेल चुकी हैं। छेत्री का जन्म सिकंदराबाद में हुआ था लेकिन अपने लुक्स को लेकर लोग उन्हें चीन का समझ लेते हैं। नॉर्थ ईस्ट के किसी शख्स को ऐसे कमेंट का पहली बार शिकार नहीं होना पड़ा। देश में कोरोनावायरस के मामले बढ़ने के बाद नॉर्थ ईस्ट के लोगों को काफी परेशानी हुई। दरअसल, वायरस चीन से आया और नॉर्थ ईस्ट के लोग चेहरे की बनावट को लेकर ऐसी मानसिकता वाले लोगों के शिकार हो गए थे।

