आज वह दिन है जिसका सभी को इंतजार था। दरअसल, खिलाड़ियों और खेल से जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि खेल बजट 2024 में भारत की खेल महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। यह उम्मीद इसलिए भी अधिक थी क्योंकि इस साल 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच पेरिस में खेलों का महाकुंभ यानी ओलंपिक खेलों का आयोजन होना है। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

पिछले साल खेल के लिए केंद्र सरकार ने 3397.32 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इसमें से 880 करोड़ रुपये खेलो इंडिया को आवंटित किए गए थे। अंतरिम बजट में खेल के लिए पिछली बार के मुकाबले 45 करोड़ रुपये अधिक आवंटित किए गए हैं। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना खेलो इंडिया के लिए 20 करोड़ रुपये ज्यादा आवंटित किए गए हैं। मतलब 2024-2025 के दौरान खेल एवं युवा मंत्रालय को 3442.32 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

900 करोड़ हुआ खेलो इंडिया का बजट

इस बार खेलो इंडिया के बजट में 20 करोड़ का इजाफा किया गया है। अब यह 900 करोड़ का हो गया है। जम्मू और कश्मीर में खेल सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए पिछले बजट में पहले 15 करोड़ का प्रावधान किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया गया था। हालांकि, अब यह राशि घटाकर 8 करोड़ कर दी गई है। वहीं राष्ट्रीय खेल संघों को सहायता के रूप में पिछले बजट में 325 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इस बार यह राशि 340 करोड़ कर दी गई है।

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने किया ग्रैंड मास्टर प्रगनानंद का जिक्र

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार 1 फरवरी को लोकसभा में अंतरिम बजट 2024 पेश करते हुए भारतीय शतरंज खिलाड़ियों की उल्लेखनीय उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने खेल के क्षेत्र में भारत की प्रगति के बारे में बताते हुए चेन्नई के रहने वाले 18 वर्षीय ग्रैंड मास्टर आर प्रगनानंद का जिक्र किया।

14 साल में भारत में 4 गुनी हुई ग्रैंड मास्टर की संख्या

निर्मला सीतारमण ने कहा, देश को खेलों में नई ऊंचाइयों को छूने वाले युवाओं पर गर्व है। शतरंज के प्रतिभाशाली और हमारे नंबर 1 रैंक वाले खिलाड़ी आर प्रगनानंद ने 2023 में मौजूदा विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को कड़ी टक्कर दी। आज भारत में 80 से अधिक शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं, जबकि 2010 यह संख्या सिर्फ 20 या उससे कुछ अधिक थी।

निर्मला सीतारमण प्रतिष्ठित फिडे विश्व कप का जिक्र कर रही थीं, जहां खिताब के लिए प्रगनानंद का मुकाबला पूर्व विश्व चैंपियन कार्लसन से हुआ था। प्रगनानंद भले ही कार्लसन से हार गए, लेकिन वह नार्वे के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी की नाक में दम जरूर कर गए।

हांगझू में भारत ने जीते थे 100 से ज्यादा पदक

सीतारमण ने पिछले साल हांगझू में हुए एशियाई खेलों में भारत की उल्लेखनीय पदक तालिका का भी उल्लेख किया। हांगझू में भारत ने एशियाई खेलों के इतिहास में पहली बार तीन अंकों में पदक जीते। @PIB_India ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हवाले से लिखा, देश ने 2023 में एशियाई खेलों और एशियाई पैरा खेलों में अब तक के अपने सबसे ज्यादा पदक जीते।