आत्माराम भाटी

साल के दूसरे टेनिस ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन के इस साल का सफर 5 जून को लाल बजरी के बादशाह बन चुके स्पेन के राफेल नडाल के 14वीं बार और महिला वर्ग में पोलैंड की नंबर एक इगा स्वातेक के दूसरी बार सरताज बनने के साथ सम्पूर्ण हो गया।

2005 में पहला फ्रेंच ओपन का खिताब जीतने वाले नडाल ने अपना 305वां ग्रैंड स्लैम मैच खेलते हुए खिताबी मुकाबले में नार्वे के कैस्पर रुड को आसानी से 6-3, 6-3, 6-0 हराकर इस साल का आस्ट्रेलियाई ओपन के बाद दूसरा, फ्रेंच ओपन का 14वां व रेकार्ड 22वां ग्रैंड स्लैम अपने नाम पर किया।

नडाल के फ्रेंच ओपन करिअर का खास पहलू यह भी रहा कि वे लाल बजरी पर खेले गए अपने 115 मैचों के सफर में मात्र तीन बार ही परास्त हुए हैं जिनमें भी दो बार जोकोविच से। फ्रेंच ओपन का यह फाइनल नडाल का कुल 30वां ग्रैंड स्लैम करिअर फाइनल था जिसमें 22वीं जीत इनके नाम रही। इस जीत के बाद नडाल यह टूर्नामेंट जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गए।

नडाल के लिए खिताबी मुकाबले से पहले खेले गए तीन मुकाबले लंबे और थकावट भरे रहे, लेकिन उन्होंने अपने से कहीं कम उम्र के प्रतिद्वंद्वी के सामने अपने को कमजोर नहीं होने दिया। प्री क्वार्टर में कनाडा के एलियासिमे को चार घंटे 20 मिनट चले पांच सेट के लंबे मैच में हराने के बाद सेमी फाइनल में फिर से सवा चार घंटे के मैच में अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी गत विजेता नंबर एक नोवाक जोकोविच को चार सेट के शानदार मैच में 6-2, 4-6, 6-2, 7-6 से हराकर पिछले साल सेमी फाइनल में मिली हार का बदला लेकर यह पक्का कर दिया था कि एक बार फिर से ट्राफी उनके हाथ में ही होगी।

फाइनल में नडाल को अपनी ही एकेडमी में अभ्यास करने वाले कैस्पर के सामने फाइनल में ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा जितने इससे पहले के तीन मैचों में बहाना पड़ा था।

नडाल व नोवाक जोकोविच के बीच हुए मैचों पर निगाह डालें तो दोनों के बीच 59 मैचों में जोकोविच का पलड़ा एक जीत से भारी है। जोको ने 30 व नडाल ने 29 मैच जीते हैं। लेकिन फ्रेंच ओपन में नडाल के सामने जोकोविच कमजोर ही साबित हुए। नडाल ने जोको के खिलाफ 10 में से 8 में जीत दर्ज की है,जबकि जोकोविच केवल दो बार 2016 व 2021 में ही नडाल को परास्त कर पाए हैं। क्ले कोर्ट पर भी नडाल ने 28 मैचों में जोको को 20 बार शिकस्त दी है।

सेमी फाइनल में नंबर तीन जर्मनी के एलेक्जेंडर ज्वेरेव नडाल के लिए बड़ी बाधा बनकर खड़े हो गए। ज्वेरेव ने डटकर मुकाबला करते हुए 95 मिनट तक चले पहले सेट को नडाल को जीतने में पसीने ला दिया। आखिर ट्राइबेकर में जाकर नडाल को जीत मिल सकी।

पहला सेट हारने के बाद भी ज्वेरेव आसानी से हार मानने को तैयार नहीं हुए। एक बार तो ज्वेरेव दूसरे सेट में 5-3 से बढ़त बनाने में कामयाब हो सेट जीतने के मुकाम पर थे। लेकिन नडाल ने अनुभव के सहारे लगातार 2 गेम जीत अपने को मैच में ला खड़ा किया।

छठा गेम ज्वेरेव जीत गए लेकिन नडाल कहां रुकने वाले थे। अगला गेम जीतकर स्कोर 6-6 किया। तभी ज्वेरेव के दांए टखने में नडाल के फोरहैंड को रिटर्न्स करने के चक्कर में चोट लग गई। ज्वेरेव के इतनी जबरदस्त चोट लगी कि वो जोर से रोने को मजबूर हो गए। इसके बाद शुरुआती उपचार के बाद बैसाखियों के सहारे मैदान में आ कर रेफरी से मैच खत्म करने को कहा।

इस तरह से तीन घंटे तक दो सेट भी पूरे नहीं इस बेहतरीन मैच का अंत बीच में नडाल को विजेता घोषित करने के साथ हुआ। इस तरह से नडाल के लिए चोटग्रस्त होने के बाद भी 22वां ग्रैंड स्लैम काफी थकान भरा रहा।

जहां तक महिला वर्ग के मुकाबलों की बात करें तो पुरुष वर्ग में जिस तरह से जोकोविच व नडाल जैसे अनुभवी खिलाड़ी दावेदारी में रहे, वहीं महिला वर्ग में सेरेना की अनुपस्थिति में कोई बड़ा दावेदार नहीं था। दावेदारी में जिन खिलाड़ियों पर निगाहें थीं, उनमें नंबर एक इगा स्वातेक, नंबर दो पौओला बाडोसा, नंबर तीन बारबोरा के साथ 18 साल की उभरती अमेरिकी खिलाड़ी कोको गाफ पर।

खिताबी मुकाबले में कोको गाफ के पास 2006 में सबसे कम 17 साल की उम्र में ग्रैंड स्लैम जीतने वाली मारिया शारापोवा की तरह दूसरी कम उम्र की खिताब जीतने वाली खिलाड़ी बनने का मौका था। लेकिन नंबर एक इगा स्वातेक के सामने 23वें नंबर की गाफ का खेल बिल्कुल नौसिखिये खिलाड़ी सा रहा। वे मात्र 68 मिनट में 6-1, 6-3 से परास्त हो कर अपने पहले ग्रैंड स्लैम को जीतने के इतिहास को बनाने से चूक गईं।

अपने जीवन के 21वें वसंत में चल रही पौलेंड की इगा स्वातेक ने 2020 बाद अपना दूसरा ग्रैंड स्लैम अपने नाम कर लिया। इनकी यह लगातार 35वीं जीत थी जो साल 2000 में वीनस विलियम्स द्वारा बनाई गई लगातार 35 जीत की बराबरी पर थी। इगा की यह उपलब्धि भी रही कि उन्होंने अभी तक अपने एकल करिअर में जो नौ फाइनल खेले, वे सभी जीते। साथ ही फ्रेंच ओपन के रूप में यह लगातार छठा खिताब भी रहा।